Maharashtra: सपा नेता अबू आजमी का फिर सामने आया औरंगजेब प्रेम, जानें क्या है पूरा मामला

इस टिप्पणी से लोगों में आक्रोश फैल गया है, जिसके कारण शिवसेना (शिंदे गुट) ने उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।

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Maharashtra: महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी (Maharashtra Samajwadi Party) (सपा) के अध्यक्ष अबू आज़मी (Abu Azmi) मुगल शासक औरंगज़ेब (Aurangzeb) की प्रशंसा करने वाली अपनी विवादास्पद टिप्पणी के कारण कानूनी मुसीबत में फंस गए हैं।

इस टिप्पणी से लोगों में आक्रोश फैल गया है, जिसके कारण शिवसेना (शिंदे गुट) ने उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने भी मांग की है कि आज़मी के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाए।

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शिवसेना ने दर्ज कराई शिकायत
शिवसेना (शिंदे गुट) ने मुंबई के मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में अबू आजमी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। पूर्व विधायक और शिवसेना प्रवक्ता किरण पावस्कर ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस से संपर्क कर सपा नेता के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। पार्टी ने उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की है।

इसके अलावा, शिवसेना सांसद नरेश म्हास्के ने एक अलग शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद ठाणे पुलिस ने वागले एस्टेट पुलिस स्टेशन में आजमी के खिलाफ मामला दर्ज किया। उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई आगे भी जारी रहने की उम्मीद है।

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आजमी के खिलाफ आरोप दर्ज
पुलिस ने अबू आजमी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) (भारतीय दंड संहिता) की धारा 299, 302 और 356 के तहत मामला दर्ज किया है। ये धाराएं गंभीर अपराधों से संबंधित हैं, जिससे समाजवादी पार्टी के नेता के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की संभावना बढ़ गई है।

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अबू आज़मी ने क्या कहा?
महाराष्ट्र सपा अध्यक्ष के रूप में कार्यरत अबू आज़मी ने सोमवार को विवादित टिप्पणी करते हुए कहा कि इतिहास में औरंगज़ेब को गलत तरीके से चित्रित किया गया है। उन्होंने दावा किया कि औरंगज़ेब एक क्रूर शासक नहीं था और उसने कई मंदिर भी बनवाए थे। आज़मी ने एक घटना का हवाला दिया जिसमें औरंगज़ेब के एक कमांडर ने कथित तौर पर वाराणसी में एक पुजारी की बेटी के साथ दुर्व्यवहार किया था। उनके अनुसार, औरंगज़ेब ने कमांडर को दो हाथियों के बीच बांधकर मारने का आदेश दिया था। कृतज्ञता के प्रतीक के रूप में, पुजारियों ने बाद में औरंगज़ेब के सम्मान में एक मस्जिद बनाई। आज़मी ने आगे कहा कि औरंगज़ेब एक कुशल प्रशासक था और उसने अपने कार्यों को उचित ठहराते हुए कहा कि उसकी स्थिति में कोई भी शासक ऐसा ही करता।

इसके अलावा, आज़मी ने दावा किया कि औरंगज़ेब के शासनकाल के दौरान, भारत की जीडीपी 24% थी और देश को “सोने की चिड़िया” कहा जाता था। उन्होंने आरोप लगाया कि कई ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है और औरंगज़ेब को गलत तरीके से बदनाम किया गया है।

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राजनीतिक और सार्वजनिक प्रतिक्रिया
आज़मी के बयानों ने राजनीतिक नेताओं, खासकर सत्तारूढ़ शिवसेना-भाजपा गठबंधन से कड़ी प्रतिक्रियाएँ शुरू कर दी हैं। उनके खिलाफ़ सख्त कार्रवाई की मांग ने ज़ोर पकड़ लिया है, कई लोगों ने उनकी टिप्पणियों को राष्ट्र-विरोधी बताया है। पुलिस जाँच आगे बढ़ने और राजनीतिक नेताओं द्वारा आज़मी की तीखी आलोचना जारी रहने के कारण विवाद और बढ़ने की उम्मीद है।

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