Gir Somnath: किसान अन्नदाता के साथ अब बनेंगे ऊर्जादाता भी, कैसे? अमित शाह ने बताया

कोडिनार में आयोजित कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि इंडियन पोटाश कंपनी इस सुगर मिल का पुनरुद्धार करेगी। इससे इस क्षेत्र का आर्थिक विकास होगा।

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Gir Somnath: केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह(Union Home Minister Amit Shah) 8 मार्च को दो दिवसीय प्रवास पर(Two-day visit) गुजरात पहुंचे। सबसे पहले 8 मार्च की सुबह उन्होंने गिर सोमनाथ जिले(Gir Somnath district) में प्रथम ज्योतिर्लिंग सोमनाथ महादेव(First Jyotirlinga Somnath Mahadev) का धर्मपत्नी के साथ दर्शन-पूजन किया। इसके बाद कोडिनार में सुगर मिल के पुनरुद्धार और आधुनिकीकरण कार्य के भूमिपूजन(Bhoomi Pujan for revival and modernization work of Sugar Mill) समारोह में शामिल हुए। जूनागढ़ के चांपरडा में उन्होंने ब्रह्मानंद विद्याधाम में विभिन्न प्रकल्पों के लोकार्पण और भूमिपूजन के कार्यक्रम के बाद अहमदाबाद के लिए रवाना हो गए। रविवार को वे अहमदाबाद में धार्मिक, सामाजिक और विकास कामों में शामिल होंगे।

10 हजार किसानों के जीवन में बड़ा बदलाव
कोडिनार में आयोजित कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि इंडियन पोटाश कंपनी इस सुगर मिल का पुनरुद्धार करेगी। इससे इस क्षेत्र का आर्थिक विकास होगा। करीब 10 हजार किसानों के जीवन में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। उनके जीवन में समृद्धि का द्वार खुलेगा। शाह ने कहा कि अन्नदाता कहलाने वाले किसान अब ऊर्जा दाता भी बनेंगे। शाह ने कहा कि सुगर फैक्टरी से इथेनॉल और इससे बिजली बनाकर ऊर्जा और गैस का उत्पादन भी होगा। इथेनॉल के उत्पादन से देश में पेट्रोलियम आयात में भी कमी आएगी।

गन्ने की बुवाई के लिए मिलेगा उन्नत बीज
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इंडियन पोटाश लिमिटेड इस क्षेत्र में किसानों को गन्ने की बुवाई के लिए उन्नत बीज प्रदान करेगा। इससे गन्ने का उत्पादन बढेगा। ड्रोन तकनीक से खाद का छिड़काव किया जाएगा। केन्द्रीय मंत्री ने आगे कहा कि वर्ष 2012-13 में 60 करोड़ लोग कृषि पर निर्भर थे, जबकि तत्कालीन केंद्र सरकार ने इसके लिए 22 हजार करोड़ का बजट रखा था। केन्द्री में नरेन्द्र मोदी की सरकार ने वर्ष 2023-24 में इस बजट को बढ़ाकर 1.37 हजार करोड़ रुपये कर दिया है। इसी प्रकार वर्ष 2012-13 में किसानों को 8.5 लाख करोड़ रुपये का ऋण मिलता था, जो आज 25.50 लाख करोड़ रुपये है। डीएपी की एक बोरी की कीमत पिछले दस वर्षों से वही बनी हुई है क्योंकि कीमत वृद्धि का भुगतान सरकार द्वारा किया जाता है।

किसानों के जीवन में आमूल-चूल परिवर्तन
इसके अलावा किसान क्रेडिट सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है। इन सभी उपायों से प्रधानमंत्री ने किसानों के जीवन में आमूल-चूल परिवर्तन लाने का काम किया है। तलाला, कोडिनार और वलसाड चीनी मिलों से दस हजार से अधिक किसान जुड़े हुए हैं। सरकार के सहयोग से इन चीनी मिलों को पुनर्जीवित किया गया है। 600 करोड़ रुपये से अधिक के पूंजी निवेश से चीनी उत्पादन के साथ-साथ हरित ऊर्जा स्रोतों और जैव उर्वरकों का भी उत्पादन किया जाएगा।

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चीनी मिलें 31 अक्टूबर 2025 तक होगी पूरी
उल्लेखनीय है कि कंपनी द्वारा मिलों को और अधिक कुशल बनाने के लिए दो डिस्टिलरी, एक ग्रीन पावर प्लांट, एविएशन टरबाइन प्लांट सहित सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। कोडिनार और तलाला चीनी मिलें 31 अक्टूबर 2025 तक पूरी हो जाएंगी। साथ ही, इन मिलों में गन्ने की पेराई 01 नवंबर 2025 से शुरू कर दी जाएगी। आयोजन में इंडियन पोटाश लिमिटेड के अधिकारियों के साथ सुगर मिल के सदस्य आदि मौजूद रहे।

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