Parliament: राज्यसभा सांसद सुभाष बराला ने की रेलवे संशोधन विधेयक की पैरवी

राज्यसभा सांसद सुभाष बराला ने कहा कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा इस विसंगति को दूर करने के लिए एक सार्थक पहल की जा रही है। हम सभी को इसका खुले दिल से स्वागत करना चाहिए।

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राज्यसभा (Rajya Sabha) सांसद सुभाष बराला (MP Subhash Barala) ने राज्यसभा में रेलवे संशोधन विधेयक 2024 (Railway Amendment Bill 2024) पर हो रही महत्वपूर्ण चर्चा में हिस्सा लेते हुए विधेयक के उद्देश्य और कारणों पर व्याख्यान देते हुए इसे रेलवे के प्रशासनिक कामकाज (Administrative Work) और कार्य संचालन को अधिक पारदर्शी व जवाबदेही वाला बताया है। सांसद सुभाष बराला ने रेलवे संशोधन विधेयक 2024 का समर्थन करते हुए कहा कि यह विधेयक भारतीय रेलवे को नई तकनीकों, सुरक्षा उपायों और यात्री सुविधाओं के मामले में आगे बढ़ाने में मदद करेगा। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि रेलवे परियोजनाओं को और तेज गति से लागू किया जाए ताकि आम जनता को अधिक लाभ मिल सके।

राज्यसभा सांसद ने कहा कि बड़ी हैरानी की बात है कि 1905 में बना रेलवे बोर्ड अधिनियम मात्र एक कार्यकारी आदेश के आधार पर 120 साल से काम कर रहा है, परंतु इसे वैधानिक दर्जा नहीं मिला था। अब केंद्र सरकार इस बोर्ड को वैधानिक दर्जा प्रदान करेगी। साथ में सबसे अच्छी बात यह है कि रेलवे के पारंपरिक संरचनागत ढांचे से छेड़छाड़ किए बिना ही रेलवे बोर्ड को एक केंद्रीय प्राधिकरण का दर्जा मिलेगा। उसके सदस्यों के चयन, योग्यता निर्धारण आदि में सरकार की भूमिका यथावत रहेगी।

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सांसद बराला ने कहा कि इस संशोधन विधेयक को लोक सभा पहले ही 11 दिसंबर, 2024 को पारित कर चुकी है। इस विधेयक के उद्देश्यों और कारणों के कथन को पढक़र स्वत: ज्ञात हो जाता है कि इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य भारतीय रेलवे बोर्ड अधिनियम, 1905 को निरस्त करना तथा उसे रेल अधिनियम, 1989 के अध्याय 1 के पश्चात, अध्याय 1 (क) के रूप में समाहित या अन्त:स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि इसका दूसरा उद्देश्य, रेलवे के प्रशासनिक कामकाज और कार्य संचालन को अधिक सुगम, पारदर्शी और जवाबदेह बनाने हेतु देश के सभी 19 रेलवे जोन में नियुक्त महाप्रबंध तथा उनके अंतर्गत 70 डिविजनों में सेवारत डिविजनल रेलवे मैनेजर को और अधिक स्वायत्तता तथा वित्तीय और प्रशासनिक शक्तियां प्रदान करना है।

इसके अतिरिक्त, यथोचित आधार पर निजी क्षेत्र की ओर से निवेश आकृष्ट करने तथा रेलवे के वित्त को बेहतर बनाने के सुझावों में लेखांकन पद्धतियों में बदलाव, यात्री किराए को तर्कसंगत बनाना, माल ढुलाई में सुधार और निजी भागीदारी के माध्यम से राजस्व बढ़ाना शामिल है।

राज्यसभा सांसद ने कहा कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा इस विसंगति को दूर करने के लिए एक सार्थक पहल की जा रही है। हम सभी को इसका खुले दिल से स्वागत करना चाहिए। राज्यसभा सांसद ने सभी सदस्यों से सादर आग्रह किया कि वे दलगत भावना से ऊपर उठकर सर्वसम्मति से इस महत्वपूर्ण विधेयक का समर्थन करें और पारित करें। (Parliament)

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