Holika Dahan 2025: रंगों का त्यौहार होली, 2025 में 14 मार्च को धूमधाम से मनाया जाएगा, लेकिन उससे पहले होलिका दहन का आयोजन 13 मार्च को किया जाएगा। होलिका दहन हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत और पापों के नाश का प्रतीक माना जाता है।
इस दिन रात्रि के समय होलिका दहन किया जाता है, जिसमें लोग बुराई की प्रतीक होलिका को आग में जलाकर अपने जीवन से हर तरह की नकारात्मकता को दूर करने का प्रयास करते हैं।
होलिका दहन 2025 का मुहूर्त
इस साल होलिका दहन का मुहूर्त 6 मार्च को रात्रि 8:17 से 9:50 तक रहेगा। यह समय होलिका दहन के लिए अत्यधिक शुभ माना जाता है। इस मुहूर्त में पूजा करने से व्यक्ति के जीवन से सभी तरह की बाधाएं दूर होती हैं और घर में सुख-शांति का वास होता है।
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होलिका दहन का महत्व
होलिका दहन का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यधिक है। यह पर्व असत्य पर सत्य की विजय और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इसे मनाने के दौरान लोग एक साथ मिलकर होलिका के पास पूजा करते हैं और उसकी अग्नि में अपने दुखों, बीमारियों और नकारात्मकताओं को जलाने का संकल्प लेते हैं।
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होलिका दहन की पूजा में आम तौर पर विशेष रूप से यह काम किए जाते हैं:
- होलिका के आसपास साफ-सफाई करते हैं।
- पूजा में लकड़ी, घी, और विशेष पूजा सामग्री का उपयोग किया जाता है।
- परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर इस पर्व को उत्सव की तरह मनाया जाता है।
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कैसे करें होलिका दहन की पूजा?
- होलिका दहन के स्थान को पहले से साफ करें।
- एक लकड़ी का ढेर बनाकर उस पर होलिका की प्रतिमा रखें।
- उसकी पूजा करें और उसकी अग्नि में अपने सभी कष्टों और नकारात्मकताओं को जलाने का संकल्प लें।
- इस दिन घर के आंगन में दीप जलाकर या रंगों के साथ खुशियाँ मनाकर पर्व को मनाएं।
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सावधानियाँ:
होलिका दहन की पूजा करते वक्त कुछ विशेष सावधानियाँ भी बरतनी चाहिए:
- अग्नि की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें।
- बच्चों को बिना देखरेख के न खेलने दें।
- होलिका के आसपास ज्वलनशील वस्तुओं से बचें।
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बुराईयों और नकारात्मकताओं
इस होलिका दहन के अवसर पर हर कोई अपने जीवन से बुराईयों और नकारात्मकताओं को दूर कर खुशी और समृद्धि की ओर बढ़े। होलिका दहन का यह मुहूर्त आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने का एक बेहतरीन अवसर है।
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