पंजाब के मोगा में 20 मई की देर रात फाइटर जेट मिग-21 दुर्घटनाकांड में मेरठ के गंगानगर निवासी फाइटर पायलट अभिनव चौधरी की मौत हो गई। उनकी मौत की सूचना मिलने के बाद शहर में शोक व्याप्त है।
अभिनव का परिवार मूल रुप से उत्तर प्रदेश के बागपत का रहनेवाला है। उन्होंने 25 दिसंबर 2019 को शादी की थी। वायुसेना में फाइटर पायलट अभिनव चौधरी ने सगाई में मात्र एक रुपए लेकर दहेज प्रथा के खिलाफ जंग की शुरुआत की थी। हालांकि उन्हें मोटे दहेज के भी ऑफर आए थे, लेकिन उन्होंने उन रिश्तों को ठुकराकर समाज में एक उदाहरण प्रस्तुत किया था। उनके इस निर्णय की शहर में खूब प्रशंसा हुई थी। अब उनकी शहादत पर शहर शोक में डूबा हुआ है।
एक रुपए लेकर की शादी
मेरठ की गंगानगर कॉलोनी में उनके आवास पर अभिनव की सगाई हुई तो पिता सत्येंद्र चौधरी ने कन्या पक्ष से रस्म के रुप में मात्र एक रुपया स्वीकार किया। उनका मानना था कि शादी में दहेज की कोई जरुरत नहीं होनी चाहिए। दहेज दो परिवारों को जोड़ने का माध्यम नहीं हो सकता। इस कुप्रथा पर प्रतिबंध लगना चाहिए।
बचपन से मेधावी
पढ़ने-लिखने में अभिनव शुरू से ही मेधावी और होनहार थे। पढ़ाई के आलावा उनकी रुचि खेलने तथा अन्य गतिविधियों में भी थी। उनकी मेरठ में पांचवीं तक की पढ़ाई ट्रांसलेट एकेडमी में हुई थी। उसके बाद कक्षा 6 से 12 तक की पढ़ाई उन्होंने राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज, देहरादून से की। आरआईएमसी में देश भर के चुनिंदा विद्यार्थियों को ही प्रवेश दिया जाता है। लेकिन पहली ही कोशिश में अभिनव का इस कॉलेज में चयन हो गया। बेटे की इस कामयाबी पर पूरा परिवार खुश था।
2014 में वायुसेना में भर्ती
आरआईएमसी देहरादून में प्रवेश मिलने के बाद अभिनव वहीं रहकर पढ़ाई करने लगे। पढ़ाई के दौरान उन्होंने फौजी जीवन अपनाना शुरू कर दिया। वे वहां से निकलकर एनडीए पहुंचे और एनडीए के बाद एयर फोर्स एकेडमी की ट्रेनिंग पूरी कर 2014 में वायुसेना में भर्ती हो गए।
ये भी पढ़ेंः जानें कब और कैसे हुआ ‘चिपको’ आंदोलन का उदय?
अभिनंदन के साथ किया काम
पुणे में एनडीए की ट्रेनिंग और पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने हैदराबाद में एयर फोर्स एकेडमी में अफसर बनने का प्रशिक्षण पूरा किया। अभिनव की पहली पोस्टिंग पठानकोट एयरबेस में हुई। अभिनंदन उनके पसंदीदा अफसरों में से एक थे। वे अभिवन के सीनीयर थे, लेकिन साथ में पोस्टिंग में रहे और साथ में काम भी किया।
और फिर हुआ ऐसा
बता दें कि 20 मई की रात करीब 11.30 बजे यह दुर्घटना हुई। राजस्थान के सूरतगढ़ में वर्तमान पोस्टिंग व ट्रेनिंग के दौरान वे ट्रेनिंग प्लेन उड़ाने के लिए निकले थे। उड़ान के दौरान उनका संपर्क एयरफोर्स से टूट गया। बाद में पता चला कि भटिंडा और लुधियाना के बीच एक गांव में उनका प्लेन क्रैश हो गया है।