MP: कूनो राष्ट्रीय उद्यान में मादा चीता गामिनी और उसके चार शावकों को छोड़ा गया, जानिये अब कितनी हुई चीतों की संख्या

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MP:  मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले(Sheopur district of Madhya Pradesh) में स्थित कूनो राष्ट्रीय उद्यान(Kuno National Park) के खुले जंगल में चीतों की संख्या बढ़(Number of cheetahs increased) गई है। दक्षिण अफ्रीका(South Africa) से लाई गई मादा चीता गामिनी(Female cheetah Gamini) और उसके चार शावकों को कूनो के खजूरी पर्यटन जोन में 17 मार्च को दोपहर खुले जंगल(Open forests) में छोड़ा गया। कूनो प्रबंधन(Kuno management) ने इन चीतों को रिलीज किया(Release of cheetahs)। शावकों में दो नर और दो मादा(Two males and two females among the cubs) हैं। छोड़े गए शावकों की उम्र एक साल से अधिक है। इसके बाद खुले जंगल में चीतों की संख्या बढ़कर 17(Number of cheetahs in open forest increased to 17) हो गई। अब बाड़े में केवल नौ चीते(Only nine cheetahs in the enclosure) रह गए हैं।

मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर दी जानकारी
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 15 मार्च को सोशल मीडिया के माध्यम से कहा है कि आज का दिन प्रदेश के चीता प्रोजेक्ट और वन्य जीव संरक्षण की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। श्योपुर स्थित राष्ट्रीय कूनो उद्यान में दक्षिण अफ्रीका से लाई गई मादा चीता “गामिनी” और उसके चार शावकों को बाड़े से मुक्त कर राष्ट्रीय उद्यान में स्वछंद विचरण के लिए छोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि जैव विविधता की दृष्टि से दक्षिण अफ्रीका से प्रदेश की धरती पर चीतों का पुनर्वास, देश ही नहीं अपितु एशिया महाद्वीप का महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। इस इंटरकांटिनेंटल प्रोजेक्ट के लिए कूनो (श्योपुर) का चयन, प्रदेश के लिए सौभाग्य का विषय है। प्रदेश के वन विभाग के अमले की लगन और अथक परिश्रम से इस व्यापक परियोजना का सफल क्रियान्वयन संभव हो पाया।

बाड़े से ज्यादा चीते खुले जंगल में चीता
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अब बाड़े से ज्यादा चीते खुले जंगल में हो गए हैं, इसलिए सफारी के दौरान पर्यटकों को चीतों के दीदार आसानी से होंगे। इससे पर्यटकों की संख्या में भी वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में चीतों का कुनबा निरंतर बढ़ रहा है। इससे पर्यटन गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा, रोजगार के अवसर सृजित होंगे और चंबल क्षेत्र की अर्थव्यवस्था समग्र रूप से सशक्त होगी।

गामिनी ने 10 मार्च 2024 को छह शावकों को दिया था जन्म
डीएफओ आर थिरुकुराल ने बताया कि इससे पहले पांच फरवरी को मादा चीता ज्वाला और उसके चार शावकों को भी मुख्यमंत्री ने खुले जंगल में रिलीज किया था। प्रबंधन ने यह निर्णय धीरा, आशा और उसके तीन शावक सफल प्रदर्शन के बाद लिया है। दक्षिण अफ्रीका से कूनो नेशनल पार्क में आई गामिनी ने 10 मार्च 2024 को छह शावकों को जन्म दिया था। इनमें से चार जून और पांच अगस्त को एक-एक शावक की मौत हो गई थी। तभी से गामिनी और उसके चार शावक बाडे में बंद थे। आज कूनो प्रबंधन ने गामिनी और उसके चारों शावकों को कूनो राष्ट्रीय उद्यान के खुले जंगल में खजूरी वन क्षेत्र में छोड़ा। वन विभाग ने गामिनी और उसके शावकों को खुले जंगल में छोड़ने से पहले रेडियो कॉलर पहना दिया है। इससे खुले जंगल में उनकी निगरानी की जा सकेगी। विभाग का उद्देश्य इन चीतों को जंगली बनाना है, इसलिए उन्हें नए वातावरण में ढलने का मौका दिया जा रहा है। पार्क में कुल 26 चीते हैं। सभी चीते स्वस्थ हैं। अब पर्यटकों को चीतों को देखने का मौका मिल सकेगा।

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पर्यटकों को मिलेगा चीता देखने का अवसर
उन्होंने बताया कि खजूरी वन क्षेत्र अहेरा पर्यटन ज़ोन का हिस्सा है। अब पर्यटन क्षेत्र में चीतों की उपस्थिति के कारण पर्यटकों को सफारी यात्रा के दौरान चीता देखने का अवसर मिल सकता है। टिकटोली गेट से प्रवेश करने के बाद पर्यटक चीतों का करीब से दीदार कर सकते हैं। यह वन क्षेत्र टिकटोली गेट के नजदकी हैं। सिर्फ अग्नि और वायु को पीपलवाड़ी गेट पर छोड़ा गया है। अब गामिनी और उसके शावकों को भी इसी क्षेत्र में छोड़ा गया है अधिक चीते इस एरिया में ही घूम रहे हैं। इसलिए पर्यवकों को चीते आसानी से दिखाई दे सकते हैं। अभी जिन पर्यटकों को चीते दिखे हैं वह क्षेत्र में दिखाई दिए हैं। टिकटोली इलाके में वन्यजीव, नदी, झरने और आकर्षक नज़ारे हैं, इसलिए पर्यटक भी इधर घूमना ज्यादा पंसद करते हैं।

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