Nagpur violence: उन्मादी भीड़ द्वारा हिंसा पर नागपुर मध्य के विधायक का बड़ा दावा, “सिर्फ हिंदुओं की दुकानें जला…”

उन्होंने बताया कि कैसे एक बुजुर्ग हिंदू महिला की गाड़ी को तोड़ दिया गया, लेकिन एक मुस्लिम विक्रेता की गाड़ी को कोई नुकसान नहीं पहुँचाया गया।

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Nagpur violence: महाराष्ट्र (Maharashtra) के नागपुर शहर (Nagpur city) में उन्मादी मुस्लिम भीड़ द्वारा हिंसा (violence by frenzied Muslim mob), तोड़फोड़ और आगजनी करने के कुछ घंटों बाद, मंगलवार (18 मार्च) को भाजपा विधायक (BJP MLA) प्रवीण दटके (Praveen Datke) ने कहा कि दंगे पूर्व नियोजित (riots pre-planned) थे।

प्रवीण दटके ने जोर देकर कहा, “वहां 4 दुकानें थीं। 2 हिंदुओं की और 2 मुसलमानों की थीं। हिंदुओं की दुकानें जला दी गईं। मुसलमानों की दुकानों को कुछ नहीं हुआ।” उन्होंने बताया कि कैसे एक बुजुर्ग हिंदू महिला की गाड़ी को तोड़ दिया गया, लेकिन एक मुस्लिम विक्रेता की गाड़ी को कोई नुकसान नहीं पहुँचाया गया।

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भाजपा विधायक ने क्या कहा
नागपुर हिंसा पर भाजपा विधायक (नागपुर मध्य) प्रवीण दटके कहते हैं, “मैं आज सुबह-सुबह यहां पहुंचा हूं। यह पूरी घटना पहले से तय थी। कल सुबह आंदोलन के बाद गणेश पेठ पुलिस स्टेशन में घटना हुई, फिर सब कुछ सामान्य था… बाद में भीड़ ने सिर्फ हिंदुओं के घरों और दुकानों में प्रवेश किया… पहले सभी कैमरे तोड़ दिए गए और फिर हथियारों के साथ हिंसा को पहले से तय तरीके से अंजाम दिया गया… मैंने सीपी (पुलिस आयुक्त) से बात की, यह एक संवेदनशील क्षेत्र है… हमने पीआई संजय सिंह को दो घंटे तक फोन किया, लेकिन उनका फोन बंद था… हम पुलिस से संपर्क कर रहे थे। जब पुलिस यहां पहुंची, तो यहां सब कुछ हो चुका था… मैं सीएम से भी बात करूंगा… अपराधियों की तस्वीरें डीवीआर में हैं। हम इसे पुलिस को मुहैया कराएंगे… यह अफसोस की बात है कि कल पुलिस हिंदू नागरिकों के साथ खड़ी नहीं हुई… संजय सिंह जैसे पीआई नागरिकों की बात नहीं सुनते… भीड़ का एक बड़ा हिस्सा बाहर से आया था…”

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कब हुई हिंसा?
यहाँ यह ध्यान देने योग्य बात है कि सोमवार शाम को मध्य नागपुर के इलाकों में हिंसा भड़क उठी थी, क्योंकि अफ़वाह थी कि औरंगज़ेब की कब्र को हटाने के लिए एक दक्षिणपंथी संगठन द्वारा किए गए आंदोलन के दौरान मुस्लिम समुदाय की पवित्र पुस्तक को जला दिया गया था। शहर में पत्थरबाज़ी और आगजनी की कई घटनाएँ हुईं। अधिकारियों ने कहा कि महल इलाके में तलाशी अभियान के दौरान 15 लोगों को गिरफ़्तार किया गया, जहाँ आरएसएस मुख्यालय भी है। इस बीच, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शांति की अपील की है, जबकि विपक्ष ने राज्य सरकार पर कानून-व्यवस्था के बिगड़ने का आरोप लगाया है।

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