Nagpur violence: नागपुर हिंसा मामले में पुलिस को मिली 36 आरोपियों की इतने दिनों की हिरासत, जानें अब तक क्या हुआ

इनमें से 36 को मंगलवार को जिला सत्र न्यायालय में पेश किया गया। जानकारी के अनुसार, छह अन्य का अभी सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा है और उन्हें अदालत में पेश नहीं किया जा सका।

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Nagpur violence: नागपुर (Nagpur) में आगजनी और पथराव मामले (arson and stone pelting case) में स्थानीय अदालत ने 36 आरोपियों (36 accused) को 21 मार्च तक पुलिस हिरासत (police custody) में भेज दिया है। जिला सत्र न्यायालय (district sessions court) में देर रात तक चली सुनवाई करीब 2:30 बजे पूरी हुई। औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर नागपुर में भड़की हिंसा के सिलसिले में पुलिस ने अब तक कुल 46 लोगों को गिरफ्तार किया है।

इनमें से 36 को मंगलवार को जिला सत्र न्यायालय में पेश किया गया। जानकारी के अनुसार, छह अन्य का अभी सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा है और उन्हें अदालत में पेश नहीं किया जा सका।

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औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग
पुलिस के अनुसार, आरोपियों पर गणेश पेठ और तहसील पुलिस थानों में विभिन्न धाराओं के तहत कई आरोप दर्ज हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का संकल्प लिया है और प्रभावित क्षेत्रों में सामान्य स्थिति बहाल करने और शांति बनाए रखने के लिए काम कर रहे हैं। इससे पहले मंगलवार को केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने आश्वासन दिया था कि महाराष्ट्र सरकार नागपुर में हाल ही में हुई हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है, जिसके कारण शहर के कुछ हिस्सों में व्यापक अशांति फैल गई। इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई अन्य सांसदों ने भी औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर नागपुर में भड़की हिंसा की निंदा की है।

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फ्लैग मार्च निकाला गया
पुलिस और सुरक्षाकर्मियों ने लोगों में विश्वास जगाने के लिए महाराष्ट्र के नागपुर के हिंसा प्रभावित इलाके में फ्लैग मार्च भी निकाला है। इस बीच, औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर तनाव के बाद भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत नागपुर शहर के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। नागपुर के पुलिस आयुक्त रविंदर कुमार सिंघल द्वारा जारी आधिकारिक आदेश के अनुसार, प्रतिबंध अगले आदेश तक लागू रहेंगे।

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कैसे बढ़ा मामला?
यहां यह ध्यान देने वाली बात है कि सोमवार शाम को मध्य नागपुर के इलाकों में हिंसा भड़क उठी थी, इस अफवाह के बीच कि औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए एक दक्षिणपंथी संगठन द्वारा किए गए आंदोलन के दौरान मुस्लिम समुदाय की पवित्र पुस्तक को जला दिया गया था। शहर में पथराव और आगजनी की कई घटनाएं हुईं। अधिकारियों ने बताया कि महल इलाके में तलाशी अभियान के दौरान 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। महल इलाके में ही आरएसएस मुख्यालय भी है। इस बीच, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शांति की अपील की है। वहीं विपक्ष ने राज्य सरकार पर कानून-व्यवस्था के बिगड़ने का आरोप लगाया है।

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