Major Bob Khathing Memorial Program: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह(Defense Minister Rajnath Singh) ने लोगों से आह्वान किया है कि वे हमेशा राष्ट्र को सर्वोपरि(Nation always comes first) रखें, एकजुट रहें, ईमानदारी से कर्तव्यों का निर्वहन करें और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में निडरता से आगे बढ़ें, जो मेजर बॉब खाथिंग(Major Bob Khathing) के मूल सिद्धांत थे। उन्होंने कहा कि मेजर बॉब खाथिंग एक असाधारण व्यक्ति थे, जिन्होंने पूर्वोत्तर क्षेत्र(Northeast Region) और राष्ट्रीय सुरक्षा(National Security) में अमूल्य योगदान दिया। रक्षा मंत्री 19 मार्च को दिल्ली कैंट(Delhi Cantt) में भारतीय सेना, असम राइफल्स और यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूशन ऑफ इंडिया (यूएसआई) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित मेजर बॉब खाथिंग स्मारक कार्यक्रम के पांचवें संस्करण को संबोधित कर रहे थे।
राष्ट्र की सुरक्षा, अखंडता और संप्रभुता सर्वोपरि
मेजर बॉब खाथिंग को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत भाग्यशाली है कि यह ऐसे प्रमुख व्यक्तित्वों का घर है, जिनके लिए राष्ट्र की सुरक्षा, अखंडता और संप्रभुता सर्वोपरि है। उन्होंने मेजर खाथिंग को भारत का महान सपूत बताया, जिन्होंने युद्ध के मैदान में अपनी बहादुरी और कूटनीति के क्षेत्र में कौशल के माध्यम से देश के इतिहास में एक अमिट छाप छोड़ी। उन्होंने कहा कि ऐसे महान व्यक्तित्वों के आदर्शों और सिद्धांतों को अपनाना लोगों की जिम्मेदारी है। रक्षा मंत्री ने न केवल तवांग बल्कि पूरे उत्तर-पूर्व क्षेत्र को एकीकृत, विकसित और पुनर्निर्माण करने में मेजर खाथिंग की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि मेजर बॉब खाथिंग ने राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने उत्तर-पूर्व के लिए जो काम किया, वह सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर किए गए काम के समान है।
मेजर बॉब खाथिं को किया याद
रक्षा मंत्री ने कहा कि मेजर बॉब खाथिंग ने एक भी गोली चलाए बिना तवांग को भारत में कुशलतापूर्वक एकीकृत किया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ऐसे क्रांतिकारियों के सिद्धांतों का पालन करती है। उन्होंने कहा कि हमने एक भी गोली चलाए बिना सबसे बड़ी बाधा- अनुच्छेद 370 – को हटाकर जम्मू-कश्मीर का भारत में पूर्ण विलय किया। सभी हितधारकों को ध्यान में रखते हुए पूरी सुरक्षा के साथ शांतिपूर्वक काम किया गया। राजनाथ सिंह ने मेजर खाथिंग की प्रशासनिक दक्षता, विशेष रूप से सशस्त्र सीमा बल और नगालैंड सशस्त्र पुलिस के गठन और ऐसे अन्य सुधारों में उनके योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने जोर देकर कहा कि इसी तरह सरकार प्रशासनिक सुधारों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने कहा कि ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ और ‘सुशासन’ के माध्यम से हमने लोगों और सरकार के बीच की खाई को कम किया है। ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘जन धन, आधार, मोबाइल (जैम) ट्रिनिटी’ के माध्यम से आज प्रशासन अधिक जन-उन्मुख हो गया है।”
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विदेश नीति मेजर खाथिंग जैसे व्यक्तित्वों के कूटनीतिक कौशल पर आधारित
रक्षा मंत्री ने बताया कि सरकार की विदेश नीति मेजर खाथिंग जैसे व्यक्तित्वों के कूटनीतिक कौशल पर आधारित है। उन्होंने कहा कि आज भारत बहुध्रुवीय विश्व में व्याप्त अनिश्चितताओं के बीच अपनी हार्ड पावर और सॉफ्ट पावर के बीच संतुलन बनाए हुए है। यह बहुत गर्व की बात है कि भारत ने अपनी वैश्विक स्थिति को मजबूत किया है। दुनिया के सामने एक नया, मजबूत और संगठित भारत उभरा है। एक समय था जब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत को गंभीरता से नहीं लिया जाता था लेकिन आज जब हम बोलते हैं तो दुनिया सुनती है। यह मेजर खाथिंग के आदर्शों से प्रेरित है। राजनाथ सिंह ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि मेजर खाथिंग जैसे व्यक्तित्वों से प्राप्त संगठनात्मक कौशल के कारण भारत नई ऊंचाइयों को छू रहा है। उन्होंने 2047 तक भारत को विकसित भारत में बदलने के लिए संगठित रहने की आवश्यकता पर बल दिया।