Job for land case: ईडी ने लालू यादव से की चार घंटे तक पूछताछ, जानिये क्या पूछे सवाल

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Job for land case: जमीन के बदले नौकरी मामले में 19 मार्च को राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya Janata Dal) प्रमुख लालू प्रसाद यादव(Lalu Prasad Yadav) से प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) की टीम ने करीब चार घंटे तक पूछताछ(Questioned for four hours) की। 70 वर्षीय लालू यादव सुबह करीब 10.30 बजे पटना में ईडी के बैंक रोड कार्यालय पहुंचे थे। उनकी सबसे बड़ी बेटी मीसा भारती, जो पाटलिपुत्र से राजद की सांसद भी हैं, अपने पिता के साथ थीं।

जमीन को लेकर सवाल
ईडी के अधिकारियों ने लालू यादव से पूछताछ में उनसे सवाल किया कि किशुन देव राय ने 3 हजार वर्ग फीट की जमीन मात्र 3 लाख 75 हज़ार रुपये में राबड़ी देवी को ही क्यों बेची? राज कुमार सिंह, मिथिलेश कुमार और अजय कुमार से आप कब मिले थे?

इडी के सवाल
ईडी ने लालू यादव से पूछा कि आपसे मिलने और राबड़ी देवी को जमीन मिलने के बाद ही इन तीनो को मध्य रेलवे मुम्बई में ग्रुप डी के पद पर नौकरी क्यों मिली? राबड़ी देवी के नाम जमीन रजिस्ट्री होने के बाद संजय राय और उसके परिवार के दो सदस्य को रेलवे में नौकरी मिली, ऐसा क्यों?

जमीन रजिस्ट्री के बाद ही किरण देवी के बेटे अभिषेक कुमार को सेंट्रल रेलवे मुंबई में नौकरी मिली, ऐसा क्यों? किरण देवी ने अपनी 80 हजार 905 वर्ग फीट जमीन तीन लाख सत्तर हजार में आख़िर आपकी बेटी मीसा भारती को ही क्यों दी?

मामला राजनीति से प्रेरित-तेजस्वी यादव
इस बीच, लालू प्रसाद के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने ईडी की पूछताछ पर मीडिया से कहा कि जितना अधिक हमें परेशान किया जाएगा, हम उतने ही मजबूत होते जाएंगे। बेशक, यह मामला राजनीति से प्रेरित है। अगर मैं राजनीति में नहीं होता तो मुझे इसमें घसीटा नहीं जाता। मैंने दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद भविष्यवाणी की थी कि अब एजेंसियां ​​बिहार की ओर अपना रुख करेंगी।

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जो बोया है, वही काट रहे हैं लालूः जेडीयू
उधर तेजस्वी यादव के बयान पर पलटवार करते हुए जद(यू) एमएलसी और प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि लालू प्रसाद ने जो बोया है, वही काट रहे हैं। बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में वे चारा घोटाले में शामिल थे। उन्हें अदालत ने दोषी ठहराया है और वे चुनाव लड़ने के अयोग्य हैं। राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप फर्जी है। चारा घोटाले में सीबीआई का आरोप-पत्र इंद्र कुमार गुजराल के प्रधानमंत्रित्व काल में दायर किया गया था, जिनके साथ राजद सुप्रीमो के बेहतरीन संबंध थे।

उन्होंने कहा कि नौकरी के लिए जमीन घोटाला उस समय का है, जब राजद सुप्रीमो कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार के पहले कार्यकाल में रेल मंत्री थे।

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