अविश्वास का महाविकास, तटकरे के खिलाफ कदम

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महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सरकार है। महाविसकास आघाड़ी की इस सरकार को बने हुए करीब एक साल पूरा होने को है। लेकिन इनके बीच वाद-विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। फिलहाल नया मामला यह है कि एनसीपी चीफ शरद पवार के खास और भरोसेमंद एनसीपी नेता के खिलाफ शिवसेना विधायक ने विश्वास हनन का प्रस्ताव महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के पास पेश किया है।

तटकरे विरुद्ध कदम
एनसीपी प्रमुख शरद पवार के खास माने जानेवाले सांसद सुनील तटकरे के खिलाफ दापोली के शिवसेना विधायक योगेश कदम ने विधानसभा अध्यक्ष नाना पाटोले के पास विश्वास हनन का प्रस्ताव दाखिल किया है। सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि एक सांसद के विरुद्ध किसी विधायक द्वारा विश्वास हनन का प्रस्ताव दाखिल करने का राज्य में ये पहला मामला है।

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तटकरे से क्यों नाराज हैं कदम?
हम बता दें कि सुनील तटकरे रायगढ़ से सांसद हैं, जबकि पूर्व पर्यावरण मंत्री रामदास कदम के पुत्र योगेश कदम दापोली  से शिवसेना विधायक हैं। कदम का आरोप है कि तटकरे दापोली विधानसभा क्षेत्र में होनेवाले विकास के कामों के भूमिपूजन के कार्यक्रमों में मुझे नहीं बुलाते हैं और वो मुझे विश्वास में लिए बिना कार्यक्रम करते हैं। यह आरोप लगाते हुए योगेश कदम ने तटकरे के खिलाफ विश्वास हनन प्रस्ताव दाखिल किया है।

क्या है मामला?
विश्वास हनन प्रस्ताव में योगेश कदम ने आरोप लगाया है कि मुझे दरकिनार कर दापोली में तटकरे विभिन्न तरह के सरकारी कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। दरअस्ल पिछले 12 अक्टूबर को दापोली की पंचायत समिति सभागृह में तटकरे ने प्रशासकीय अधिकारियों के साथ बैठक की थी। इस बैठक में म्हाप्रल से आंबेत के बीच फेरी बोट सेवा शुरू करने को लेकर चर्चा हुई थी। इसके लिए जेटी निर्माण हेतु सरकार ने निधि की मंजूरी भी दे दी है। 12 अक्टूबर को तटकरे, उनके पुत्र व विधायक अनिकेत तटकरे और पूर्व विधायक संजय कदम ने इस कार्य का भूमिपूजन किया। लेकिन स्थानीय विधायक योगेश कदम को इस कार्यक्रम में नहीं बुलाया गया।

कदम ने बताया गंभीर मामला
योगेश कदम ने इसे गंभीर मामला बताया है। उनका कहना है,’ ऐसा कर उन्होंने मेरे अधिकार का हनन किया है। इसके लिए मैंने 20 अक्टूबर को विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले के पास विश्नवास हनन का प्रस्ताव दाखिल किया है।’ उन्होंने इस प्रस्ताव में तटकरे के खलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।

 

मैं विधान सभा अध्यक्ष नाना पाटोले से अनुरोध करता हूं कि मेरी वजह से सरकार में कोई गलतफहमी न फैले, इसलिए वे दाखिल किए गए विश्वास हनन का प्रस्ताव स्वीकार करें। संविधान के नियमों के मुताबिक सांसद होने के कारण मुझे कार्यक्रमों में बुलाया जाता है। इसमे क्या कोई गल्ती है, इसकी जांच की जाए और दोषी पाए जाने पर महाविकास आघाड़ी सरकार टिकी रहे, इसलिए मुझ पर कार्रवाई की जाए।
-सुनील तटकरे, सांसद-एनसीपी

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