Ganga Aarti time in Varanasi: वाराणसी, जिसे दुनिया का सबसे प्राचीन शहर माना जाता है, हर दिन लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करता है। यहाँ के गंगा घाट पर होने वाली गंगा आरती विशेष रूप से प्रसिद्ध है, जो धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व से भरपूर है। यह आरती शाम के समय गंगा नदी के किनारे देव दीपावली के दौरान और अन्य धार्मिक अवसरों पर आयोजित की जाती है।
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गंगा आरती का समय:
वाराणसी में हर दिन दो प्रमुख गंगा आरतियाँ होती हैं – सांध्य आरती और प्रभात आरती।
- सांध्य गंगा आरती:
यह आरती शाम के समय होती है और आमतौर पर 6:30 बजे से 7:30 बजे के बीच होती है। हालांकि, यह समय मौसम और दिन के अनुसार बदल सकता है। खासतौर पर, सर्दियों में यह थोड़ी देर से शुरू हो सकती है, जबकि गर्मियों में यह समय थोड़ा पहले हो सकता है। श्रद्धालु बड़ी संख्या में इस समय गंगा घाटों पर इकट्ठा होते हैं, जहां ढेर सारे दीपों की रौशनी और मंत्रोच्चारण से वातावरण भक्तिमय हो जाता है। - प्रभात गंगा आरती:
यह आरती सुबह के समय होती है और आमतौर पर 5:30 बजे से 6:00 बजे के बीच आयोजित की जाती है। इसमें भी श्रद्धालु गंगा में स्नान करने के बाद आरती में सम्मिलित होते हैं और प्रभु से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
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गंगा आरती का महत्व:
गंगा आरती न सिर्फ धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इसे देखकर श्रद्धालुओं के दिलों में एक अलौकिक शांति और आस्था का अनुभव होता है। यह आरती भगवान शिव और माँ गंगा को समर्पित होती है, और यहाँ के हर घाट पर यह एक भव्य और श्रद्धापूर्वक आयोजन होता है।
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कैसे पहुँचे गंगा घाट पर:
वाराणसी के प्रमुख घाटों में से दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती का आयोजन सबसे अधिक होता है। यहाँ पहुँचना बहुत आसान है, और आपको स्थानीय साधनों जैसे ऑटो रिक्शा, तांगा, या नाव द्वारा घाट तक पहुँचने का अवसर मिलता है। खासतौर पर नाव द्वारा गंगा की आरती देखना एक अद्वितीय अनुभव होता है, जो बहुत से पर्यटकों को आकर्षित करता है।
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गंगा आरती में शामिल
अगर आप गंगा आरती में शामिल होने की योजना बना रहे हैं, तो इसका समय शाम 6:30 बजे से 7:30 बजे तक है। यह अवसर आपके लिए न केवल आध्यात्मिक बल्कि एक यादगार अनुभव भी हो सकता है।
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