Waqf Amendment Bill: वक्फ बोर्ड की जमीन में तीन दिल्ली! यहां जानें कैसे

मोदी सरकार का दावा है कि नया कानून आने के बाद इसमें पारदर्शिता आएगी और पूरी संपत्ति सरकारी निगरानी में आ जाएगी।

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-नरेश वत्स

Waqf Amendment Bill: वक्फ बोर्ड के पास देशभर में 9 लाख 40 हजार एकड़ से अधिक जमीन है, जो कि दिल्ली के कुल क्षेत्रफल (3.6 लाख एकड़) से करीब तीन गुना अधिक है। नया वक्फ संशोधन बिल लोकसभा और राज्यसभा में पास हो जाने के बाद भी इतनी विशाल संपत्ति के स्वामित्व, प्रबंधन और उपयोग को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं।

नये वक्फ संशोधन बिल ने इस बहस को और गहरा कर दिया है। मोदी सरकार का दावा है कि नया कानून आने के बाद इसमें पारदर्शिता आएगी और पूरी संपत्ति सरकारी निगरानी में आ जाएगी।

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राजधानी में कितनी संपत्ति?
वक्फ के पास दिल्ली विकास प्राधिकरण की जमीन है। वक्फ बोर्ड ने दिल्ली विकास प्राधिकरण की 138 संपत्तियों और भूमि एवं विकास कार्यालय की 108 संपत्तियों पर कब्जा जमा रखा है । कुतुब मीनार परिसर में स्थित मुगल मस्जिद को दिल्ली वक्फ बोर्ड ने अपनी जमीन घोषित कर दिया है । इस जमीन पर वक्फ बोर्ड ने नमाज अदा करने की अनुमति मांगी थी । वक्फ बोर्ड का दावा था कि जमीन का ऐतिहासिक महत्व है। हालांकि सरकार ने उन्हें नमाज अदा करने की मंजूरी नहीं दी। यूपीए सरकार ने 2014 में दिल्ली वक्फ बोर्ड को 123 संपत्तियां दे दी थीं। इनमें से अधिकांश संपत्तियां दिल्ली के लुटियंस जोन में हैं । निजामुद्दीन इलाके में स्थित हुमायूं के मकबरे पर वर्ष 2010 में वक्फ बोर्ड ने दावा किया था, जबकि यह जमीन भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीन है । वक्फ बोर्ड ने 150 से अधिक विरासत वाली भूमि पर अपना दावा कर रखा है।

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कांग्रेस ने दी थीं 123 संपत्तियां
कांग्रेस ने अपने शासनकाल में वक्फ बोर्ड 123 संपत्तियां सौंप दी थी । वीएचपी ने तर्क दिया कि यह संपत्तियां सरकार के अधिग्रहण में थीं और उन्हें किसी भी हालत में वक्फ बोर्ड को नहीं दिया जा सकता था । एनडीए सरकार ने इस फैसले की गहन जांच शुरू की है और दावा किया है कि कांग्रेस सरकार ने राजनीतिक लाभ के लिए यह फैसला लिया था। वक्फ बोर्ड के पास करोल बाग, कनॉट प्लेस, जनपथ, दिल्ली के वो VVIP इलाके, जहां लोग जमीन खरीदने की सोच नहीं सकते, वक्फ बोर्ड ने जमीनों पर दावा कर रखा है।

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सरकारी आंकड़ों में जमीन
सरकारी आंकड़ों के अनुसार , वक्फ के पास तकरीबन 9.4 लाख एकड़ जमीन है। अगर इसकी तुलना रक्षा मंत्रालय और रेलवे से की जाए, तो वक्फ जमीन के मामले में देश में तीसरे नंबर पर आता है। रक्षा मंत्रालय के पास 17.95 लाख एकड़ भूमि है, तो भारतीय रेलवे के पास तकरीबन 12 लाख एकड़ जमीन है।

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प्रदेश से भी अधिक जमीन
यूपीए सरकार ने 2009 में वामसी पोर्टल बनाया था। ये पोर्टल वक्फ की संपत्ति के डेटाबेस के तौर पर काम कर रहा है। इस पोर्टल के अनुसार वक्फ के पास 9.4 लाख एकड़ जमीन है। वक्फ की जमीन का क्षेत्रफल कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अधिक है। गोवा का कुल क्षेत्रफल 9.14 लाख एकड़ (3702 वर्ग किमी) है, जबकि दिल्ली का कुल रकबा 3.66 लाख एकड़ (1484 वर्ग किमी) है।

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तीन दिल्ली जितनी जमीन
दिल्ली कुल 3.66 लाख एकड़ क्षेत्रफल में फैला हुआ है, जबकि देश में वक्फ बोर्ड के पास 9 लाख 40 एकड़ से ज्यादा जमीन है। यानी वक्फ बोर्ड के पास करीब तीन दिल्ली जितनी संपत्ति है। यह संपत्तियां ऐतिहासिक रूप से धार्मिक और सामाजिक उपयोग के लिए दी गई हैं, लेकिन अब कई राजनीतिक दल इस पर सवाल उठा रहे हैं कि क्या इन जमीनों का सही उपयोग हो रहा है? भाजपा और अन्य दलों का कहना है कि इस तरह की संपत्तियों का इस्तेमाल पारदर्शिता के साथ किया जाना चाहिए। कई स्थानों पर वक्फ संपत्तियों के अतिक्रमण और गलत उपयोग की शिकायतें भी सामने आई हैं।

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नए बिल में क्या बदलाव?
वक्फ संशोधन बिल में कई अहम बदलाव किए गए हैं, जिनमें प्रमुख रूप से संपत्तियों के स्वामित्व, सरकारी नियंत्रण और पारदर्शिता से जुड़े प्रावधान शामिल हैं।

  • वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर विवाद की स्थिति में सरकार के पास हस्तक्षेप करने का अधिकार होगा.
  • संपत्तियों के सही उपयोग और उनके व्यावसायिक शोषण को रोकने के लिए नए नियम बनाए जाएंगे और वक्फ संपत्तियों को लीज या किराए पर देने की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाएगा।
  • इस कानून से वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग रोका जा सकेगा और भ्रष्टाचार खत्म होगा।

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