अजित पवार महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के महत्वपूर्ण नेता और प्रदेश की महाविकास आघाड़ी में उपमुख्यमंत्री हैं। हिंदुस्थान पोस्ट ने हाल ही में खबर प्रकाशित की थी कि जूनियर पवार परेशान हैं। उनकी परेशानी अभी भी खत्म नहीं हुई है। अजित दादा और ऊर्जा मंत्री नितिन राउत के बीच जारी विवाद सुलझता नजर नहीं आ रहा है। कैबिनेट की बैठक में पहले भी इसके संकेत मिलते रहे हैं। अब एक बार फिर यह विवाद कैबिनेट की बैठक में देखने को मिल सकता है। ऊर्जा मंत्री ने भी इसके संकेत दिए हैं। इन दोनों नेताओं के बीच जारी विवाद प्रदेश के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के लिए भी सिरदर्द साबित हो सकता है।
राउत दादा से नाराज
नितिन राउत इस मुद्दे पर अजित पवार से काफी नाराज हैं। उन्होंने कहा है कि अगर पवार को लगता है कि कैबिनेट उपसमिति के सारे अधिकार उन्हीं के पास हैं तो यह उपसमिति का अपमान है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस को हल्के में न लें, हम आपके नौकर नहीं हैं।”
विवाद का कारण
नितिन राउत ने एक प्रेस नोट जारी कर कहा था कि पिछड़े वर्ग के पदोन्नति के आरक्षण को रद्द करने का निर्णय अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है। उपमुख्यमंत्री पवार के कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि आरक्षण को लेकर राउत की ओर से जारी प्रेस नोट पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। बताया जा रहा है कि इस संबंध में जब नितिन राउत ने प्रेस नोट जारी किया तो दादा (अजित पवार) नाराज हो गए। लेकिन अब विवाद इस हद तक बढ़ गया है कि राउत अब राज्य सरकार को खुलेआम धमकी दे रहे हैं।
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राउत मुख्यमंत्री को भी धमकाया
नितिन राउत इस मामले से इतने नाराज हैं कि उन्होंने सीधे ठाकरे सरकार को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस पिछड़ा वर्ग पदोन्नति में आरक्षण के मुद्दे पर समझौता नहीं करेगी और किसी को भी हमें हल्के में नहीं लेना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर मुख्यमंत्री अगले दो दिनों में इस मुद्दे पर बैठक नहीं बुलाते हैं तो इसे कैबिनेट की बैठक में उठाया जाएगा। इसलिए उन्होंने कैबिनेट बैठक में एक बार फिर तूफान खड़ा करने के संकेत दिए हैं। राउत ने पदोन्नति में आरक्षण को लेकर पिछड़े वर्गों के साथ हो रहे अन्याय पर नाराजगी जताई है।