West Bengal: मुर्शिदाबाद से भागे सैकड़ों हिंदू परिवार, कश्मीर बनने की राह पर बंगाल?

पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून के के विरोध में हिंसा से भयभीत कई हिन्दू परिवार मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिला छोड़ रहे हैं। हिंसा के बाद से हिंदू खौफ में है।

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West Bengal: पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून(Waqf Law) के के विरोध में हिंसा से भयभीत कई हिन्दू परिवार(Hindu Family) मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिला (Muslim-dominated Murshidabad district) छोड़ रहे हैं। हिंसा के बाद से हिंदू खौफ में(Hindus in fear) है। हिंदू परिवार(Hindu family migrates) अपनी जान बचाने के लिए दूसरे राज्यों में जा रहे है।

भाजपा नेताओं की मांग
भाजपा सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो ने गृह मंत्री अमित शाह(Home Minister Amit Shah) को एक पत्र लिखकर राज्य के सीमावर्ती चार जिलों को सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम (अफस्पा) के तहत अशांत क्षेत्र घोषित करने की मांग की है। ‌

भाजपा नेता सुवेन्दु अधिकारी ने तो ममता बनर्जी को जिन्ना की डुप्लीकेट कॉपी बताया है। उन्होंने कहा कि ममता के राज में पश्चिम बंगाल को बांग्लादेश बनाया जा रहा है।

बंगाल में ना हो हिंदुओं पर कश्मीर जैसा अत्याचार
कश्मीर में 1990 के दशक में हिंदुओं पर हुए अत्याचार और पलायन की दर्दनाक दास्तां से रूह कांप पर जाती है। फिल्म मेकर चेतन कौल ‘हिंदुस्थान पोस्ट ‘से कहा कि कश्मीर की गलती से हमें सीखना चाहिए। ‌ बंगाल में भी कश्मीर जैसी स्थिति बनती जा रही है। ‌ हिंदू पलायन कर रहे हैं। ‌ खासकर बांग्लादेश में शेख हसीना के तख्तापलट के बाद राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ गई है। ‌ इसलिए पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए।

कश्मीर में हिंदुओं पर अत्याचार का काला अध्याय
कश्मीर में वर्ष 1990 में 1 साल की अवधि में 302 कश्मीरी पंडितों की हत्या की गई थी और 1990 के बाद के 20 सालों में कुल 650 कश्मीरी पंडित मारे गए । इस दौरान बड़े पैमाने पर कश्मीरी पंडित कश्मीर से पलायन करके देश के दूसरे हिस्सों में चले गए थे।

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कश्मीर से हिंदुओं का पलायन
राहुल पंडिता ने अपनी किताब ‘अवर मून हैज ब्लड क्लॉट्स’ में 19 जनवरी 1990 की उस सर्द रात का जिक्र किया है, जिस रात हिन्दुओं पर अत्याचार का कहर टूटा था। ‌ इसके बाद कश्मीरी पंडितों का पलायन शुरू हुआ था। ‌कश्मीर से छपने वाले उर्दू के स्थानीय अखबार ‘आफताब’ ने 4 जनवरी 1990 को एक प्रेस विज्ञप्ति प्रकाशित की थी। इसमें हिज्ब- उल -मुजाहिदीन ने सभी पंडितों को तुरंत घाटी छोड़ने का आदेश दिया था।

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