अभिनेता सैफ अली खान मामले (Actor Saif Ali Khan Case) में गिरफ्तार बांग्लादेशी (Bangladesh) युवक शरीफुल (Shariful) से पूछताछ में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि बांग्लादेशी युवकों के फर्जी दस्तावेज (Fake Documents) तैयार कर उन्हें भारतीय नागरिक बनाकर विदेश भेजने वाले गिरोह भारत के कुछ राज्यों में सक्रिय हैं। शरीफुल को भारतीय पासपोर्ट पर नौकरी के लिए विदेश जाने के लिए 30,000 रुपये की जरूरत थी। उसने कबूल किया है कि वह 30,000 रुपये चुराने के लिए अभिनेता सैफ अली खान के घर गया था।
बांग्लादेश में गरीबी से तंग आकर बांग्लादेशी नागरिक भारत में घुसपैठ कर रहे थे। ये बांग्लादेशी नागरिक भारत के प्रमुख शहरों में अवैध रूप से रह रहे थे और मजदूरी कर रहे थे। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में बांग्लादेशी युवाओं में सऊदी अरब और कनाडा जैसे देशों के प्रति आकर्षण बढ़ गया है। चूंकि इस देश में भारतीय नागरिकों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है, इसलिए बांग्लादेशी युवाओं को भारतीय पासपोर्ट प्राप्त करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। पश्चिम बंगाल में बांग्लादेशी युवकों के लिए फर्जी दस्तावेज और पासपोर्ट तैयार करने वाले एजेंटों का गिरोह काफी सक्रिय हो गया है।
नौकरी के लिए फर्जी पासपोर्ट
अभिनेता सैफ अली मामले में आरोपी शरीफुल भी अपने कई साथियों के साथ नौकरी के लिए विदेश जाना चाहता था। शरीफुल ने हमले से कुछ महीने पहले भारत में घुसपैठ की थी। वह सबसे पहले पश्चिम बंगाल आये और एक एजेंट से मिले। एजेंट ने भारतीय पासपोर्ट बनवाने के लिए उनसे 30,000 रुपये की फीस मांगी थी। उसने पुलिस को बताया कि शरीफुल 30 हजार रुपए कमाने के लिए मुंबई आया था।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, पश्चिम बंगाल सहित कुछ राज्यों में बड़ी संख्या में एजेंट गिरोह सक्रिय हैं। इन एजेंट गिरोहों ने हजारों बांग्लादेशी युवकों को भारतीय पासपोर्ट बनाकर नौकरी के लिए सऊदी अरब और कनाडा भेजा है। बताया गया है कि हजारों बांग्लादेशी इन देशों में भारतीय नागरिक के रूप में काम कर रहे हैं।
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