जालना में पुलिस का बहुत ही उग्र रूप देखने को मिला है। परिजन की मौत से नाराज भीड़ ने जब अस्पताल में हंगामा खड़ा किया तो तत्काल पुलिस को बुलाया गया। इस अस्पताल में कोविड 19 के संक्रमित भर्ती थे, इस बीच आईसीयू में कुछ लोगों ने तोड़फोड़ शुरू कर दी। जिसके बाद पुलिस ने अस्पताल में ही भाजपा के एक जिला पदाधिकारी की बेदम पिटाई कर दी।
यहां 10 अप्रैल, 2021 को दर्शन देवावाले की मौत से नाराज उसके परिजन अस्पताल में हंगामा कर रहे थे। जिसके बाद तत्काल पुलिस को बुलाया गया। पुलिस ने भीड़ को समझाने का प्रयत्न किया। यह प्रकरण जालना के दीपक अस्पताल का था। इस अस्पताल में कोविड 19 संक्रमित भी भर्ती थे। परिजनों का गुस्सा इतना बढ़ गया कि वे पुलिस के समझाने से संतुष्ट नहीं हो रहे थे। आरोप है कि इस बीच वहां भारतीय जनता युवा मोर्चा का जिला महासिचव शिवराज नारियलवाले भी किसी काम से वहीं पहुंचा था। उसने पीड़ितों का आक्रोश देखा तो पुलिस से बात करने लगा। इससे पुलिस का पारा ऐसा चढ़ा कि शिवराज को उसका इंसाफ तत्काल भुगतान पड़ा, जिसमें पुलिस के डंडे टूट गए, हाथ थक गए और लातों से मारकर आक्रोश ठंडा कर दिया।
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भाजपाई से ऐसी भरपाई
पुलिस भीड़ को समझा रही थी, इस बीच भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला महासचिव शिवराज नारियलवाले से पुलिस का कुछ विवाद हो गया। जिसके बाद इस पूरे प्रकरण का फैसला बगैर कोर्ट-कचहरी के पुलिसवालों ने मिनटों में कर दिया।
जालन्यात रुग्णालयाची तोडफोड केल्याच्या आरोपावरून पोलिसांनी भाजपचा पदाधिकारी शिवराज नारियलवाला याला काठ्यांनी बेदम मारहाण केली. भाजपच्या नेत्या चित्रा वाघ यांनी या प्रकरणी आक्षेप घेत पोलिसांच्या भूमिकेवर प्रश्नचिन्ह उपस्थित केले. #ChitraWagh #Jalna #BJP pic.twitter.com/tJ3Ptu6x78
— Hindusthan Post Marathi (@HindusthanPostM) May 27, 2021
जो वायरल वीडियो सामने आया है उसके अनुसार शिवराज को पुलिसवालों ने चारो ओर से घेरकर ऐसा पीटा की उसकी सात पुश्तें भी अब पुलिस के नाम से डरेंगी।
डॉक्टर को आ गई दया
वायरल वीडियो के अनुसार पुलिस वालों की पिटाई शिवराज के पैरों से शुरू हुई थी, लेकिन चंद सेकंड में ही इसने सारी मर्यादाएं लांघ लीं और पीटते-पीटते एक डंडा टूटा तो दूसरा डंडा आया और वो भी टूट गया, चारो ओर से डंडों की बौछार होती रही। इस बीच बाहर से आ-आकर पुलिसवाले अपनी खीझ निकालते रहे और शिवराज माफी मांगता, रोता रहा। डंडा, हांथ, लात सब कुछ चला इतने भी पर भी जब पुलिस पुलिवालों का मन नहीं भरा और वे जमीन पर बिलखते शिवराज को पैरों से लतियाते रहे तो अस्पताल के डॉक्टर सामने आ गए और पुलिस से धैर्य की प्रार्थना करने लगे।
भाजपा नेताओं ने सरकार को घेरा
भारतीय जनता पार्टी के विधायक अतुल भातखलकर ने इस प्रकरण में पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्न उठाया है। उन्होंने इसे सरकार की शह पर किये जाने का आरोप लगाया है।
ही घटना जालन्यातली. पोलीस स्टेशनमध्ये पोलिस ज्याला काठ्या तुटेपर्यंत गुरासारखे बडवतायत तो गुंड नसून एक सामान्य तरुण आहे.
अशी अमानुष मारहाण करण्याचा अधिकार पोलिसांना कोणी दिला? या राज्यात न्याय व्यवस्था नावाची चीज शिल्लक आहे का?सत्ताधाऱ्यांच्या आदेशाने पोलिसांची गुंडगिरी सुरू आहे. pic.twitter.com/HZfCb2DS67— Atul Bhatkhalkar (@BhatkhalkarA) May 27, 2021
वीडियो शूटिंग की तो हो गई पिटाई
इस प्रकरण में पूर्व मंत्री बबनराव लोणीकर ने पुलिस अधीक्षक से पिटाई में शामिल पुलिसवालों के तत्काल निलंबन की मांग है। उन्होंने बताया कि शिवराज नारियलवाले अपनी बहन को अस्पताल लेकर गया था। इस बीच दर्शन देवावाले की मौत पर उसके परिजन हंगामा कर रहे थे। इसमें वीडियो शूट और बीच बचाव कर रहे शिवराज पर पुलिस का गुस्सा फूट पड़ा।
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एफआईआर में नहीं है भाजपा कार्यकर्ता का नाम
10 अप्रैल, 2021 को दीपक अस्पताल के सुरक्षा अधिकारी ने इस तोड़फोड़ का प्रकरण दर्ज करवाया है। एफआईआर में 4-5 अज्ञात लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है। इसमें पुलिस के डंडा इसांफ का शिकार हुआ शिवराज नारियलवाले का नाम नहीं है, जिससे अब यह मुद्दा भी उठने लगा है कि यदि तोड़फोड़ में वह था तो एफआईआर अज्ञात लोगों के विरुद्ध क्यों दर्ज की गई है। जबकि दूसरा मुद्दा यह है कि यदि शिवराज आरोपी था तो उसे बचाने स्वास्थ्य कर्मी क्यों आए।
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