प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यास तूफान से हुई क्षति का सर्वेक्षण करने ओडिशा में थे। उन्होंने राज्य के बालासोर और भद्रक क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया। पीएम ने सर्वेक्षण के बीच एक बैठक भी मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और अधिकारियों के साथ की। जिसमें राज्य को यास चक्रवात से हुई क्षति के विषय में जानकारियां दी गईं। इस भेंट के बाद ओडिशा के मुख्यमंत्री की ओर से सूचित किया गया कि देश कोविड 19 संक्रमण की चपेट में है, इस परिस्थिति में चक्रवात से हुई क्षति के लिए सहायता के तौर पर ओडिशा ने केंद्र सरकार से कुछ नहीं मांगा है।
प्रधानमंत्री शुक्रवार सुबह भुवनेश्वर पहुंचे थे। जहां मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, राज्यपाल गणेशी लाल, केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और प्रताप सारंगी ने बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया। इसके पश्चात हवाई अड्डे के ही कॉन्फ्रेन्स हॉल में बैठक हुई।
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Attended the meeting chaired by the Hon’ble @PMOIndia in the presence of Hon’ble @CMO_Odisha and my senior colleague, Hon’ble Petroleum & Steel Minister Shri @dpradhanbjp ji. pic.twitter.com/byA3VpymHN
— Pratap Chandra Sarangi (@pcsarangi) May 28, 2021
मुख्यमंत्री की सहृदयता
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से प्रधानमंत्री की भेंट बहुत ही शांत और शालीन वातावरण में हुई। इसे उपलब्ध वीडियों के माध्यम से भी देखा जा सकता है। प्रधानमंत्री ने राज्य में चक्रवाती तूफान यास से हुई क्षति की जानकारी प्राप्त की। इस बैठक के बाद ओडिशा से पश्चिम बंगाल के लिए प्रधानमंत्री निकल गए।
इसके बाद मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की ओर से कहा गया कि देश कोविड 19 संक्रमण के उच्चांक पर है। ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार पर कोई आर्थिक बोझ न डालने के उद्देश्य से हमने कोई आर्थिक सहायता की मांग नहीं की। हम अपने संसाधनों से तूफान से हुई क्षति से निपटेंगे।
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As the country is at the peak of #COVID19 pandemic, we have not sought any immediate financial assistance to burden the Central Govt and would like to manage it through our own resources to tide over the crisis. #OdishaFightsYaas pic.twitter.com/1ScXEBp6LF
— Naveen Patnaik (@Naveen_Odisha) May 28, 2021
हर तूफान से अकेले सामना
ओडिशा ने पिछले ढाई वर्ष में लगभग छह चक्रवातों का सामना किया है। इस विषय में जानकारी देते हुए ओडिशा स्पेशल रिलीफ आयुक्त पीके जेना ने इंडिया टुडे से बताया कि राज्य ने बीस वर्षों के लिए आपदा प्रबंधन की तैयारी की है।
वर्ष 1999 में देश के सबसे भीषण चक्रवात के बाद राज्य ने तैयारी शुरू कर दी थी। उसमें लगभग दस हजार लोग हताहत हुए थे। लेकिन 2021 के चक्रवाती तूफान यास के समय परिस्थितियां बदली हुई थीं। तूफान 26 मई 2021 को भद्रक जिले के धामरा तट और बालासोर जिले के बहंगा तट पर टकराया था। इसमें लगभग तीन लोगों की मौत हुई थी। राज्य की अपनी तैयारियों के कारण अब नैसर्गिक आपदा में मृत्यु का अंकड़ा कभी इकाई को पार नहीं कर पाता।
चक्रवात से हानि को ऐसे निपटाया
मौसम विभाग ने यास चक्रवात की जानकारी बहुत पहले ही दे दी थी। इसके बाद राज्य सरकार का आपदा प्रबंधन दल, केंद्रीय आपदा प्रबंधन दल, राज्य पुलिस, दमकल विभाग, लोकनिर्माण विभाग, ऊर्जा विभाग सक्रिय हो गया। चक्रवात भद्रक और बालासोर के तटों से टकराने वाला था। इसके लिए 7,10,000 लोगों को निचले क्षेत्रों से सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया। इस कार्य में एनडीआरएफ के 52 दल, ओडिशा आपदा प्रबंधन के 60 दल, दमकल विभाग के 206 दल, ओडिशा विशेष आर्म्ड फोर्सेस के 50 प्लाटून्स, 86 पेड़ काटने के दलों को नियुक्त किया गया था।