बिहार चुनाव : दबंगों पर क्यों फिदा सभी दलों का दिल?

आपराधिक पृष्ठभूमि वालों को उम्मीदवारी देने में आरजेडी सबसे आगे है तो बीजेपी भी पीछे नहीं है। जबकि जेडीयू, कांग्रेस और लोजपा ने भी आपराधिक मामलों में आरोपित उम्मीदवारों से परहेज नहीं किया है।

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बिहार में मतदान सिर पर है। इसके लिए सभी दलों के उम्मीदवार एंड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। ऐसे में एडीआर की एक रिपोर्ट सामने आई है जिसके अनुसार इस बार भी उम्मीदवारी प्राप्त करने में आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवार आगे रहे हैं। ऐसे उम्मीदवारों पर सभी दलों का दिल फिदा है।

बिहार चुनाव के द्वितीय चरण में कुल 1463 उम्मीदवार मैदान में हैं इसमें से 502 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किये हैं। जो कुल उम्मीदवारों का 34 प्रतिशत है। इसमें से 389 उम्मीदवारों (27 प्रतिशत) पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।

आपराधिक पृष्ठभूमि वालों को उम्मीदवारी देने में आरजेडी सबसे आगे है तो बीजेपी भी पीछे नहीं है। जबकि जेडीयू, कांग्रेस और लोजपा ने भी आपराधिक मामलों में आरोपित उम्मीदवारों से परहेज नहीं किया है।

इक दृष्टि डालते हैं द्वितीय चरण में चुनावों में खड़े आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों पर…

चुनावों के दूसरे चरण में जो स्थिति दिख रही है उम्मीदवारों के आचरण को लेकर प्रथम चरण में स्थिति कोई खास अच्छी नहीं रही है।

एक दृष्टि डालते हैं दलगत आपराधिक पृष्ठभूमिवाले उम्मीदवारों पर… आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार (द्वितीय चरण)

बिहार में अपराध को लेकर हमेशा कहा जाता रहा है कि वहां अपराध भी एक खेती रही है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इसमें सुधार हुआ है। इसके बावजूद राजनीतिक पार्टियां आपराधिक पृष्ठभूमिवाले उम्मीदवारों पर विश्वास व्यक्त करती हैं। इसका एक कारण ये भी है कि सभी दलों को जीतनेवाले उम्मीदवार चाहिए होते हैं। ऐसे में अपराध के नाम पर विरोध करनेवाली या अपराध का समूल नष्ट करने की बात करने वाली पार्टियां भी अपराधी प्रवृत्ति वाले उम्मीदवारों पर दांव लगाने से हिचकिचाती नहीं हैं।

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