सेंट्रल विस्टा परियोजना को दिल्ली उच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। न्यायालय ने मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना सेंट्रल विस्टा के काम पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही याचिकाकर्ता पर न्यायालय ने एक लाख का जुर्माना भी लगा दिया है। उच्च न्यायालय के इस फैसले के बाद सरकार इस मुद्दे पर विपक्षियों पर हमलावर हो गई है।
शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा है कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर गलत बातें फैलाई जा रही हैं।
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शहरी विकास मंत्री ने कही ये बात
पुरी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जब 2012 में मीरा कुमार लोकसभा अध्यक्ष थीं, तो उनके एक ओएसडी थे, जिन्होंने आवास मंत्रालय के सचिव को पत्र लिखा था। इस पत्र में उन्होंने कहा था कि एक निर्णय लिया गया है कि एक नया संसद भवन बनना चाहिए। अब वही विपक्षी पार्टी इस परियोजना पर प्रश्व उठा रहा है।
राष्ट्रपति भवन, नार्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक, पार्लियामेंट या बांकि जो
कल्चरल या हेरिटेज इमारतें हैं उन्हें नहीं छुआ जाएगा,प्राथमिकता में केवल दो प्रोजेक्ट पर काम हो रहा है #Parliament बिल्डिंग और #CentralVista एवेन्यू : केंद्रीय मंत्री@HardeepSPuri @MoHUA_India pic.twitter.com/yYslvayKF2
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) May 31, 2021
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पहले ही लिया गया था फैसला
शहरी विकास मंत्री ने कहा कि अब तक सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के बारे में गलत कहानी बनाई गई है। इस प्रोजेक्ट पर कोरोना महामारी से बहुत पहले ही फैसला ले लिया गया था। ससंद का नया भवन बनाना जरुरी है क्योंकि पुराना भवन सेस्मिक जोन-2 में आता था। वहां भूकंप आने का खतरा बहुत ज्यादा था,लेकिन नया भवन सेस्मिक जोन-4 में होने से यह खतरा कम हो गया है। पुरी ने कहा कि राजी गांधी जब प्रधानमंत्री थे, तब से इसकी मांग की जा रही है। बता दें कि इस परियोजना पर कुल 13 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे।