विश्व पटल पर पहली बार यह भारतीय दंपति बने ‘वर्ल्ड कम्यूनिकेशन्स फोरम असोशिएशन’ के सदस्य!

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भारत के दंपति को वैश्विक संवाद संस्था की सदस्यता मिली है। यह संस्था 2014 से कार्यरत् है लेकिन यह पहला अवसर है जब किसी भारतीय दंपति को सदस्यता दी गई है, संस्था के विकास कार्यों की जिम्मेदारी संभालने के लिए उद्योग और मीडिया संस्थान से जुड़े प्रशांत कारूलकर और उनकी पत्नी शीतल कारूलकर को चयनित किया गया है।

वर्ल्ड कम्यूनिकेशन्स फोरम असोशिएशन (डब्लूसीएफए) का मुख्यालय दावोस, स्विट्जरलैंड में है। इस संस्था में उन्हीं को सदस्यता दी जाती है जो वैश्विक स्तर पर कार्य कर सकते हैं और जिनकी क्षमता वैश्विक स्तर पर विचारों की होती है। संस्था की सदस्यता किसी व्यक्ति द्वारा मांग कर प्राप्त नहीं की जा सकती, बल्कि यह संस्था द्वारा निमंत्रित प्रतिभाओं को ही प्राप्त होती है। यह संस्था लाभ निरपेक्ष है, इसका मूल उद्देश्य वैश्विक स्तर पर संवाद संस्कृति को बढ़ावा देना है।

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इस संस्था से जुड़ने पर प्रशांत कारूलकर ने हर्ष व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि न्यूज डंका का हिस्सा होने के नाते हम गौरवान्वित हैं कि हमें यह सदस्यता प्राप्त हुई है।

इस संस्था में जिम्मेदारियों के रूप में प्रशांत कारूलकर वर्ल्ड कम्यूनिकेशन फोरम असोशिएशन को अवसरों के फोरम के रूप में विकसित करेंगे और नए अनुबंधों से विस्तार को बढ़ावा देंगे वहीं, शीतल कारूलकर ‘वुमेन एंट्रेप्रिन्योरशिप इन कम्यूनिकेशन इंडस्ट्री’ को प्रोन्नत करेंगी। कारूलकर दंपति को संस्था की सदस्यता सर्टिफिकेट कार्यकारी बोर्ड के कंट्रोलर योगेश जोशी के हाथों दिया गया।

संस्था परिचय
वर्ल्ड कम्यूनिकेशन फोरम असोशिएशन वैश्विक पटल पर कम्यूनिकेशन इंडस्ट्री के सर्वोत्कृष्ट उद्यमियों की संस्था है। इसमें एडवरटायजिंग, डिजिटल मार्केटिंग, मीडिया, पीआर असेंबल के क्षेत्र से प्रतिभाएं संलग्न हैं। इसकी वार्षिक सभा 26 जनवरी को हुई थी, जिसमें भारत के सांसद डॉ.विनय सहस्रबुद्धे जो अध्यक्ष हैं आईसीसीआर के, वे भी सम्मिलित हुए थे।

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