लॉकडाउन को भूल गए मुंबईकर! और फिर हुआ ऐसा

महाराष्ट्र में थोड़ी छूट के साथ 15 दिनों के लिए लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है, लेकिन 1जून को अचानक मुंबई की सड़कों पर नजारा बदलता हुआ दिखा। ऐसा लग रहा था, जैसे लोग लॉकडाउन को भूल गए हैं।

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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 29 मई को लोगों को संबोधित करते हुए कहा था कि राज्य में कुछ क्षेत्रों पर प्रतिबंधों में ढील दी जाएगी। हालांकि उन्होंने यह भी घोषणा की थी कि राज्य के प्रतिबंधों को 15 जून तक बढ़ा दिया गया है। लेकिन 1 जून से ही सड़कों पर भीड़ दिखनी शुरू हो गई है। अब सवाल यह उठता है कि क्या मुख्यमंत्री के संवाद का लोगों ने गलत अर्थ निकाला। बता दें कि 1 जून की सुबह से ही मुंबई के वेस्टर्न एक्सप्रेस वे समेत कई जगहों पर ट्रैफिक जाम की समस्या देखने को मिली। करीब तीन- चार घंटे तक जाम की स्थिति बनी रही।

1 जून की सुबह बड़ी संख्या में लोग घरों से बाहर निकले और महानगर की कई सड़कों पर ट्रैफिक जाम हो गया। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या नागरिक यह भूल गए हैं कि राज्य में अभी भी सख्त पाबंदियां हैं।

पश्चिम एक्सप्रेसवे पर मुंबई के प्रवेश द्वार दहिसर चेक नाका क्षेत्र में लंबा ट्रैफिक जाम देखा गया। नागरिकों का कहना था कि तीन घंटे से अधिक समय तक स्थिति जस की तस बनी रही। इसलिए ऊब चुके लोग कार से उतरकर पैदल यात्रा करने पर मजबूर हो गए। नागरिकों ने यह भी शिकायत की कि उन्हें पुलिस से कोई सहयोग नहीं मिला।

पुलिस ने की नाकाबंदी
समझा जा रहा है कि पुलिस ने यह जांचने के लिए नाकाबंदी की थी कि कहीं नियमों को तोड़ा तो नहीं जा रहा है। नागरिकों ने ट्विटर पर कहा कि विवाद का कारण यही है। उन्होंने यह भी शिकायत की कि दहिसर चेक पोस्ट पर पुलिस प्रशासन ने यात्रियों को राहत पहुंचाने के लिए कोई विशेष कोशिश नहीं की।

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वेस्टर्न एक्सप्रेस-वे पर लगे इस ट्रैफिक जाम से नागरिकों को काफी परेशानी हुई। मीरा भायंदर से दहिसर चेक पोस्ट तक जाम की सूचना थी। पता चला है कि ट्रैफिक जाम के कारण मरीजों को ले जाने वाली एंबुलेंस भी सड़क पर फंसी रहीं।

वसई क्रीक ब्रिज से मुंबई तक वेस्टर्न एक्सप्रेसवे पर भारी भीड़भाड़ रही। कुछ ऐसा ही हाल मीरा रोड के काशी मीरा इलाके तक का भी रहा।

इन सबको देखकर ऐसा सवाल उठने लगा है कि क्या नागरिक लॉकडाउन को भूल गए हैं?

मुख्यमंत्री ने दिए सख्त पाबंदियों के संकेत
मुख्यमंत्री द्वारा राज्य सरकार की ब्रेक द चेन के तहत राज्य पर लगाए गए सख्त प्रतिबंधों में ढील देने की घोषणा के बाद नागरिकों ने एक बार फिर सड़कों पर भीड़ लगाना शुरू कर दिया। इसलिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 30 मई को कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो पाबंदियां फिर से कड़ी करनी होंगी। मेट्रो इवेंट की बात करें तो मैंने मुंबई में काफी ट्रैफिक जाम देखा, जो चिंता का विषय है। कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है। इसलिए अगर लोग नहीं मानेंगे तो पाबंदियां और कड़ी की जाएंगी।

आखिर क्या कहा मुख्यमंत्री ने?
जब मैं मेट्रो इवेंट में जा रहा था, तो मुंबई में ट्रैफिक देखकर मैं हैरान रह गया। मैंने सोचा कि क्या जनता के साथ बातचीत करते हुए, मैंने गलती से प्रतिबंध हटाने की घोषणा कर दी। मैंने कुछ लोगों से पूछा कि क्या मैंने ऐसा कुछ कहा है, लेकिन मुझे एहसास हुआ कि मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा। मैंने कोई पाबंदी नहीं हटाई है, कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है। हालांकि, अगर यातायात में वृद्धि जारी रही और नागरिकों की मुक्त आवाजाही जारी रही, तो प्रतिबंधों को कड़ा करना होगा।

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