सर्वोच्च न्यायालय के सेवा निवृत जज अरुण कुमार मिश्रा ने 2 जून को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष का पदभार संभाल लिया। जस्टिस मिश्रा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय कमेटी ने इस पद के लिए चुना है।
कमेटी में शामिल विपक्ष के एकमात्र सदस्य राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस चयन प्रक्रिया से खुद को अलग रखा। इस पद पर उनकी नियुक्ति को लेकर काफी बवाल मचा हुआ है। आरोप लगाए जा रहे हैं कि पीम के गुडबुक में होने के कारण उन्हें इस महत्वपूर्ण पद पर बैठाया गया है।
कौन हैं अरुण कुमार मिश्रा?
अरुण कुमार मिश्रा ने 1978 में एक वकील के रुप में अपना करियर शुरू किया था।
वे 1998-99 में सबसे कम उम्र में बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन चुने गए थे।
अक्टूबर 1999 में वे मध्य प्रदेश उच्च न्यायाय में जज बने।
उसके बाद राजस्थान और कलकत्ता उच्च न्याायाय के मुख्य न्यायाधीश रहे।
7 जुलाई 2014 में उन्हें प्रमोट करके सर्वोच्च न्यायालय में जज बनाया गया।
इस पद से वह 20 सितंबर 2020 को सेवानिवृत हुए।
31 मई 2021 को उन्हें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का चेयरमैन चुना गया।
राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद 2 जून को उन्होंने यह पदभार ग्रहण किया।
कमेटी में ये हैं सदस्य
जस्टिस मिश्रा को एनएचआरसी प्रमुख के लिए चुनने वाली कमेटी के अध्यक्ष प्रधानमंत्री मोदी हैं। बाकी सदस्यों में गृह मंत्री अमित शाह, राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और राज्य सभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल हैं। कमेटी में खड़गे एकमात्र सदस्य हैं, जिसने इस निर्णय पर असमहमति जताई। इस बारे में उन्होंने पीएम को 31 मई को पत्र लिखकर अपनी असहमति जताई।
Justice Arun Kumar Mishra (Retd) takes over as the Chairman of the National Human Rights Commission pic.twitter.com/4D1JRAqQQD
— ANI (@ANI) June 2, 2021
पत्र में क्या लिखा?
मैंने मीटिंग में अनुसूचित जाति और अल्पसंख्यकों के ऊपर अत्याचार को लेकर चिंता जताई थी। मैंने प्रस्ताव रखा था कि इस वर्ग के किसी व्यक्ति को एनएचआरसी का अध्यक्ष बनाया जाए या फिर सदस्यों में इस वर्ग का कम से कम एक व्यक्ति को रखा जाए। चूंकि कमेटी ने मेरी किसी भी सिफारिश को नहीं माना। इसलिए मैं एनएचआरसी के अध्यक्ष चुने जाने और कमेटी के इस निर्णय पर असहमति व्यक्त करता हूं।
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पीएम की प्रशंसा
अरुण कुमार मिश्रा जब सर्वोच्च नयायाल के जज थे, तो उन्होंने पीम मोदी की प्रशंसा की थी। यह बात फरवरी 2020 की है। एक कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा था, ‘पीएम मोदी ऐसे हैं, जिनकी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा होती है। जो दूरदर्शी, विश्व स्तर पर सोच सकते हैं और स्थानीय रुप से कार्य कर सकते हैं।’
काफी लोगों ने उठाए थे सवाल
सर्वोच्च न्यायालय के जज द्वारा इस तरह से प्रधानमंत्री की खुलेआम प्रशंसा करने पर काफी लोगों ने प्रश्न उठाए थे। यहां तक की सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत जज एपी शाह मे भी इसे लेकर हैरानी जताई थी।