श्रीनगर पहुंचने पर सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने सेना की उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी एवं चिनार कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडे के साथ घाटी के आंतरिक क्षेत्रों में स्थित सेना की यूनिट्स और फॉर्मेशन्स का दौरा किया। इस दौरान उन्हें स्थानीय कमांडरों ने मौजूदा सुरक्षा स्थिति के बारे में तथा आतंकियों के मददगारों के नेटवर्क की पहचान कर उनके विरुद्ध उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी। आतंकियों के यह मददगार घाटी में युवाओं को कट्टरपंथी बनाने तथा आतंकवादी संगठनों में शामिल करवाने में शामिल हैं। इसके साथ ही इस दौरान स्थानीय लोगों के भर्ती को रोकने और आतंकवादियों के आत्मसमर्पण को सरल बनाने के प्रयासों पर भी चर्चा हुई।
उभरती चुनौतियों पर दी सलाह
सैनिकों के साथ बातचीत के दौरान सेना प्रमुख ने उन जवानों और कमांडरों की सराहना की, जो पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद तथा वैश्विक महामारी की दोहरी चुनौतियों से लगातार जूझ रहे हैं। उन्होंने उभरती सुरक्षा चुनौतियों का प्रभावी ढंग से सामना करने के लिए तैयार रहने की जरूरत पर बल दिया। बाद में सेना प्रमुख को चिनार कोर कमांडर ने नियंत्रण रेखा और भीतरी इलाकों से संबंधित स्थिति के बारे में जानकारी दी।
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तालमेल की सराहना की
सेना प्रमुख ने एक ‘संपूर्ण सरकार’ दृष्टिकोण अपनाने में नागरिक प्रशासन, जम्मू-कश्मीर पुलिस, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के सभी वर्गों द्वारा प्रदर्शित किए गए उत्कृष्ट तालमेल की सराहना की, जिसके परिणामस्वरूप केंद्र शासित प्रदेश में विकास के एक नए युग को बढ़ावा देने के लिए सुरक्षा स्थिति में सुधार हुआ है।
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उपराज्यपाल से भी की मुलाकात
3 जून की शाम को सेना प्रमुख ने राजभवन में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात की और जम्मू-कश्मीर में दीर्घकालिक शांति के लिए पैदा होने वाली चुनौतियों और रोड मैप पर चर्चा की। एलजी ने केंद्र शासित प्रदेश में शांति बहाली तथा शांति बनाए रखने में भारतीय सेना द्वारा निभाई गई भूमिका की तथा सेना द्वारा कोविड-19 महामारी से निपटने में सिविल अधिकारियों को प्रदान सहायता की सराहना की।