यूपी राज्यसभा चुनाव : मझधार में छोड़ गए ‘हाथी’ के साथी

बसपा के राज्यसभा प्रत्याशी हैं रामजी गौतम। उनके पांच प्रस्तावक विधायकों ने अपना नाम वापस ले लिया है। इससे रामजी की उम्मीदवारी खतरे में पड़ गई है। इन प्रस्तावकों ने इसके बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से भेंट की। इससे बसपा में बगावत के सुर प्रबल होते दिखने लगे हैं।

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उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की दस सीटों के लिए मतदान होना है। इसके लिए बीजेपी, सपा और बसपा के उम्मीदवार निश्चित हो गए हैं। लेकिन राज्यसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) को बड़ा झटका लगा है। उसके उम्मीदवार के पांच प्रस्तावक उम्मीदवार को मंझधार में छोड़ गए हैं।

बसपा के राज्यसभा प्रत्याशी हैं रामजी गौतम। उनके पांच प्रस्तावक विधायकों ने अपना नाम वापस ले लिया है। इससे रामजी की उम्मीदवारी खतरे में पड़ गई है। इन प्रस्तावकों ने इसके बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से भेंट की। इससे बसपा में बगावत के सुर प्रबल होते दिखने लगे हैं।

‘हाथी’ चला ‘साइकिल’ की चाल
बीएसपी के असलम चौधरी, असलम राईनी, मुजतबा सिद्दिकी, हाकम लाल बिंद, गोविंद जाटव ने अपना प्रस्ताव वापस लिया है। इन तीनों ने इसके बाद सपा नेता अखिलेश यादव से मुलाकात की। बता दें कि, इसके पहले बसपा नेता असलम चौधरी की पत्नी ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ली थी।

चुनावों के पहले चांव-चांव
उत्तर प्रदेश में राज्य सभा की 10 सीटों के लिए चुनाव होना है। जिसके लिए बीजेपी के 8, सपा का 1, बसपा का 1 और निर्दलीय 1 उम्मीदवार मैदान में है। हालांकि बीजेपी की कोशिश थी कि उसका एक और सांसद यहां चुन लिया जाए। लेकिन आंकड़ा नहीं बैठ पा रहा था। जिसके बाद बसपा के पांच प्रस्तवाकों की इस नई करवट ने समीकरण बदल दिया है। इन सीटों पर 9 नवंबर को मतदान होना है।

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मौजूदा स्थिति में भाजपा को आठ सीटों पर आसानी से जीत मिल जाएगी। जबकि सपा के पास भी एक सीट पर जीतने का मौका है। लेकिन, बसपा के प्रत्याशी और निर्दलीय उम्मीदवार के बीच मुकाबला हो सकता है और अब बसपा प्रत्याशी के प्रस्तावकों ने जो झटका दिया है, उससे मुश्किल अधिक बढ़ गई है।

 

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