पंजाब नेशनल बैंक का आरोपी भगोड़ा मेहुल चोकसी फिलहाल डोमिनिका में अवैध प्रवेश और भारत प्रत्यर्पण को लेकर कानूनी मकदमे का सामना कर रहा है। इस बीच हीरा व्यापारी चोकसी ने भारत छोड़ने को लेकर आश्चर्यजनक बयान दिया है। उसने कहा है कि वह भारतीय एजेंसियो से भाग नहीं रहा है और उसने अपने उपचार के लिए देश छोड़ा था।
मेहुल चोकसी ने कहा कि जब जनवरी में उसने देश छोड़ा था, तब उसके खिलाफ कोई वारंट जारी नहीं किया गया था। वह इलाज के लिए अमेरिका जाने के लिए देश छोड़ा था।
चौकसी के लिए तैयार है चोकसी
चोकसी ने भारतीय एजेंसियों को पूछताछ के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि वह हर सवाल का जवाब देने को तैयार है। 62 वर्षीय मेहुल चोकसी ने डोमिनिका के न्यायालय में एक हलफनामा दायर किया है, जिसमें उसने कहा है, ‘मैंने भारतीय जांच एजेंसियों को पूछताछ या किसी भी जानकारी लेने के लिए आमंत्रित किया है। वे कोई भी सवाल पूछ सकती हैं।’
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खाली हाथ लौट आई थीं जांच एजेंसियां
बता दें कि लगभग 14 हजार करोड़ के पीएनबी घोटाले का आरोपी चोकसी स्कैम उजागर होने के चंद दिन पहले ही जनवरी 2018 में देश छोड़ दिया था और फिलहाल वह अब एंटीगुआ में रह रहा है। भारतीय जांच एजेंसियां उसे स्वदेश लाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं। 25 मई को जब वह डोमिनिका में अवैध प्रवेश करने के मामले में पकड़ा गया था, तो भारत को उसके प्रत्यर्पण की बड़ी उम्मीद थी। इस कारण सीबीआई, ईडी के साथ ही अन्य जांच एजेंसियों के कुल 8 अधिकारी डोमिनिका गए थे और कई दिनों तक डेरा डालने के बावजूद मामले को कानूनी दांवपेंच मे फंस जाने के बाद फिर खाली हाथ वापस लौट गए थे।
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न्यायालय को दिलाया भरोसा
चोकसी ने 3 जून को दायर हलफनामा में कहा है कि वह देश नहीं छोड़ना चाहता था। उसने ये भी दावा किया है कि रेड कॉर्नर इंटरपोल नोटिस इंटरनेशनल वारंट नहीं है, बल्कि सरेंडर कराने की अपील मात्र है। चोकसी ने न्यायालय को विश्वास दिलाया कि जब तक न्यायालय उसे एंटीगुआ जाने की इजाजत नहीं देता, तब तक वह कहीं नहीं जाएगा और वह कहीं भागना नहीं चाहता।