कोविड 19 काल में आई ऋण में गिरावट, जानिये क्या है सिडबी-सीआरआईएफ की वो रिपोर्ट?

160

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के संवर्द्धन, वित्तपोषण और विकास में संलग्न प्रमुख वित्तीय संस्थान, भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) और सीआरआईएफ हाई मार्क ने आज अपनी रिपोर्ट ‘उद्योग स्पॉटलाइट’ का तीसरा संस्करण लॉन्च किया जो ‘भारतीय कपड़ा और परिधान’ उद्योग का विश्लेषण करती है।

कपड़ा और परिधान उद्योग में ऋण की स्थिति
इस रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर 2020 तक इस क्षेत्र द्वारा प्राप्त ऋण की कुल राशि 1.62 लाख करोड़ रही, जिसमें लगभग 20% की गिरावट देखी गई। मार्च 2020 में कोविड-19 के लॉकडाउन के तत्काल बाद विनिर्माण गतिविधियों के निलंबन के कारण ऐसा हुआ है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दिसंबर 2020 तक इस क्षेत्र में सक्रिय ऋणों (मात्रा की दृष्टि से) की संख्या 4.26 लाख रही।

ये भी पढ़ें – फ्रांस के राष्ट्रपति पर ऐसे हो गया हमला, सुरक्षा कर्मियों ने आरोपी को पकड़ा

उद्योग ने पिछले 2 वर्षों में अनअर्जक आस्तियों (90+ दिनों से बकाया ऋण मूल्य का अनुपात) में तिमाही गिरावट देखी है, जो सितंबर 2018 में 29.59% से सितंबर 2020 में 15.98% हो गई। दिसंबर 2020 में इन अनअर्जक आस्तियों में 0.94% की वृद्धि हुई जो दिसंबर 2019 में अनअर्जक आस्तियों की तुलना में लगभग 8% कम है।

दिसंबर 2020 तक इस क्षेत्र से निर्यात आय घटी है
पिछले कुछ वर्षों से परिधान उद्योग ने निर्यात में बड़ा योगदान दिया है, इसके बाद घरेलू कपड़े और वस्त्र का स्थान है। अलबत्ता, ‘उद्योग स्पॉटलाइट’ के तीसरे संस्करण के अनुसार, दिसंबर 2020 तक निर्यात ऋण 25% कम रहा है, जिसका मुख्य कारण वैश्विक महामारी के कारण निर्यात में आई गिरावट है।

“भारत में कपड़ा और परिधान उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था के सबसे पुराने और सबसे बड़े क्षेत्रों में से

शिव सुब्रमणियन रमण, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक – सिडबी

समग्र ऋण का एक बड़ा हिस्सा एमएसएमई के पास
कपड़ा और परिधान क्षेत्र को दिए गए कुल ऋण का 95% हिस्सा सूक्ष्म, लघु और मध्यम खंड के उधारकर्ताओं के पास केन्द्रित रहने के साथ इस उद्योग क्षेत्र में यथा दिसंबर 2020 तक लगभग 5 लाख उधारकर्ता मौजूद हैं।

ये भी पढ़ें – मॉक ड्रिल में गई 22 की जान! अस्पताल मालिक के वायरल कबूलनामे की शुरू हुई जांच

शीर्ष कपड़ा उद्योग केंद्रों की भौगोलिक अंतर्दृष्टि
राज्य के स्तर पर, इस क्षेत्र की ऋण बही के 25% के ऋण संविभाग का सबसे बड़ा हिस्सा महाराष्ट्र राज्य के पास है। रिपोर्ट में इस बात को रेखांकित किया गया है कि कपड़ा और परिधान निर्माण में समृद्ध 13 शीर्ष क्षेत्रों में दिसंबर 2020 तक इस क्षेत्र के कुल ऋण संविभाग का 80% हिस्सा रहा। लगभग सभी राज्यों में ऐसे जिले हैं जिनमें कपड़ा और परिधान निर्माण करने वाली कई इकाइयाँ हैं। मुंबई और सूरत जैसे कुछ जिलों का ऋण संविभाग यथा दिसंबर 2020 तक 10,000 करोड़ रुपए से अधिक का रहा है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.