आमदनी का लेखाजोखा: भाजपा की निकल पड़ी, कांग्रेस का खर्च दोगुना… लालू के लाल की हवा हवाई

चुनावों में एक प्रतिशत से अधिक मत प्राप्त करनेवाले राजनीतिक दल इलेक्टोरल बॉन्ड से चंदा प्राप्त कर सकते हैं। इसे राजनीतिक दलों की चंदा प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए 2018 में शुरू किया गया। भारतीय स्टेट बैंक की 20 शाखाएं इस बॉन्ड के लिए अधिकृत हैं।

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भारतीय जनता पार्टी सत्ता में है तो उसकी आय भी लगातार बढ़ोत्तरी पर है। जबकि कांग्रेस के लिए वर्ष 2019-20 का काल आय की दृष्टि से उतना प्रगतिशील नहीं रहा जितना खर्च बढ़ा। क्षेत्रीय दलों में तेलंगाना राष्ट्र समिति को सबसे अधिक चंदा मिला है, उधर राष्ट्रीय जनता दल को लें तो उसकी आमदनी अठन्नी खर्च रुपैया रहा। जो लालू की पार्टी ने पाया उसे लाल ने हेलीकॉप्टर में उड़ा दिया।

देश में राजनीतिक दल चंदा या इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से धन प्राप्त करते हैं। इसका लेखाजोखा चुनाव आयोग के पास जमा करना होता है, जिसे वार्षिक रिपोर्ट के माध्यम से प्रकाशित किया जाता है। इसमें 2019-20 का अहवाल प्रकाशित किया गया है, जिसके अनुसार भारतीय जनता पार्टी की स्थिति सबसे अच्छी रही, वहीं खर्चे में कांग्रेस भी पीछे नहीं है। क्षेत्रीय दलों ने भी अच्छा चंदा इकट्ठा किया है, लेकिन लालू के लाल ने आमदनी का आधा धन हेलीकॉप्टर की हवा में ही उड़ा दिया है। वर्ष 2019-20 का यह लेखाजोखा चुनाव आयोग द्वारा जारी किया गया है।

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भाजपा की चांदी
भारतीय जनता पार्टी को चुनावी ट्रस्ट फंडिंग (इलेक्टोरल बॉन्ड्स) के माध्यम से वर्ष 2019-20 में 276 करोड़ रुपए की आय हुई है, इसमें से 271.5 करोड़ रुपए प्रूडेंट इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से प्राप्त किये गए हैं। भारतीय जनता पार्टी की आवक देश में सभी राजनीतिक दलों की अपेक्षा अधिक रही है।

कांग्रेस का बढ़ा खर्च
कांग्रेस की आय भाजपा की तुलना में बहुत कम हो गई है। उसे 58 करोड़ रुपए की आय प्राप्त हुई है। इसमें प्रुडेन्ट इलेक्टोरल ट्रस्ट से 31 करोड़ रुपए, जनकल्याण इलेक्टोरल ट्रस्ट से 25 करोड़ रुपए और समाज इलेक्टोरल ट्रस्ट से 2 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं।

क्षेत्रीय दलों में तेलंगाना राष्ट्र समिति को चंगा आय
तेलंगाना राष्ट्र समिति क्षेत्रीय दलों में अधिक आय प्राप्त करने में सबसे ऊपर है, वर्ष 2019-20 में 130.46 करोड़ रुपए मिले हैं। इसका क्रम भाजपा के बाद दूसरा है।

शिवसेना की आय घटी पर खर्च बढ़ा
शिवसेना ने वर्ष 2019-20 में 111.40 करोड़ रुपए की आय प्राप्त की, इसमें से 40.98 करोड़ रुपए इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से प्राप्त हुए हैं। यह वर्ष 2018-19 की तुलना में कम है जब, 135.50 करोड़ रुपए प्राप्त हुए थे। इस काल में उसकी व्यय 14.56 करोड़ रुपए से बढ़कर 98.37 करोड़ रुपए तक पहुंच गया।

राष्ट्रीय जनता दल की लालटेन पड़ी मंद
राष्ट्रीय जनता दल ने मात्र 6 करोड़ रुपए की आय दखाई है, जिसमें से खर्च के रूप में 3.31 करोड़ हेलीकॉप्टर के लिए खर्च कर दिये। इस वर्ष बिहार में विधान सभा चुनाव थे, जिसमें लालू के लाल तेजस्वी यादव ने हेलीकॉप्टर से चुनाव प्रचार कर जनता दल युनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी का गर्दा उड़ा दिया था।

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कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की भी चांदी
आमदनी के मामले में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया भी क्षेत्रीय दलों में अच्छी प्रगति की है। उसकी आय वर्ष 2018-2019 के 100.96 करोड़ रुपए से वर्ष 2019-20 में बढ़कर 158.62 करोड़ रुपए हो गया। उसका खर्च भी इसी अनुपात में 76.1 करोड़ से बढ़कर 105 करोड़ रुपए हो गया था।

साइकिल भी कम दौड़ी
समाजवादी पार्टी की आय वर्ष 2018-19 के 33.8 करोड़ रुपए की तुलना में वर्ष 2019-20 में 47.27 करोड़ रुपए पहुंच गया।

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