पिछले कुछ महीनों से महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का मुद्दा गरमाया हुआ है। इस बारे में अब छत्रपति शाहू महाराज ने कहा है कि अगर मराठा समुदाय को आरक्षण प्राप्त करना है, तो जैसा कि मैंने पहले भी कहा था,संविधान में संशोधन करना पड़ेगा। यह मामला केंद्र सरकार के दायरे में आता है। उसे स्पष्ट बहुमत है। इसलिए यदि वह चाहे तो यह संभव है।
न्यायालय के फैसले का अध्ययन जरुरी
कोल्हापुर जिले में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या की पृष्ठभूमि पर जिले के दौरे पर आए उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने 14 जून को कोल्हापुर में छत्रपति शाहू महाराज से मुलाकात की। इस अवसर पर छत्रपति मालोजी राजे, वसंतराव मलिक, इंद्रजीत सावंत आदि गणमान्य उपस्थित थे। इस मुलाकात के दौरान उन्होंने आरक्षण के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की। इस मौके पर छत्रपति शाहू महाराज ने कहा कि मराठा आरक्षण पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को मानना होगा, लेकिन अब सवाल यह है कि आगे क्या किया जाए। फिलहाल इस निर्णय का मराठी में अनुवाद किया जाए। इसमें इस बात का ध्यान रखा जाए कि यह न्यायालय की अवमानना न हो। इसके लिए न्यायालय के निर्णय का अध्ययन किया जाए। उन्होंने कहा, कि मराठा आरक्षण के मुद्दे पर हमारे पास ठोस आधार होना चाहिए।
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मराठा समुदाय को बनना चाहिए सक्षम
छत्रपति शाहू महाराज ने कहा कि मराठा समुदाय के अपने पैरों पर खड़े होने का समय आ गया है। व्यक्ति को स्वयं को सक्षम बनाना चाहिए और उसके माध्यम से खुद को मजबूत बनाना चाहिए। मराठा आरक्षण का मुद्दा कई सालों से लटका हुआ है। इसके लिए सरकार को समाज के लाभ के लिए उचित प्रयास करने की जरूरत है। हर कोई जानता है कि इसके लिए क्या करना है। इसलिए, कहने के लिए कुछ भी नया नहीं है।
तालमेल की कमी
एक तरफ सांसद संभाजी महाराज राज्य का दौरा कर आरक्षण के मुद्दे पर मराठा समुदाय को संगठित कर रहे हैं। वे इसके जरिए आंदोलन खड़ा करने की रणनीति बना रहे हैं, वहीं उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने छत्रपति शाहू महाराज से मुलाकात कर इस चर्चा को और गरमा दिया है।