महाराष्ट्रः लाल फीता शाही के कारण अटका ‘लाल परी’ के कर्मचारियों का वेतन!

महाराष्ट्र में स्टेट ट्रांसपोर्ट का काफी महत्व है। दूर दराज के इलाकों से लेकर मुंबई तक में कोरोना काल में लोगों के आवागमन में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है।

181

महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री और एसटी महामंडल के अध्यक्ष अनिल परब ने हाल ही में कहा था कि राज्य सरकार आर्थिक रूप से बदहाल इस महामंडल को 600 करोड़ रुपये देगी। लेकिन वह 600 करोड़ रुपये अभी भी सरकार के लाल फीता शाही के कारण फंसा हुआ है। परब ने कहा यह भी कहा था कि एसटी कर्मचारियों का वेतन 7 जून  को दिया जाएगा, लेकिन 15 जून समाप्त होने के बाद भी उनका वेतन नहीं मिला है।

समय पर नहीं मिला वेतन
बता दें कि एसटी के कर्मचारियों को हर महीने की 7 तारीख को वेतन दिया जाता है। लेकिन इस बार मई महीने का वेतन अभी तक नहीं दिया गया है। इसके लिए महाराष्ट्र एसटी कर्मचारी कांग्रेस के महासचिव श्रीरंग बरगे ने परिवहन राज्य मंत्री सतेज पाटील से मुलाकात की थी और अगले छह महीनों के वेतन के लिए राशि उपलब्ध कराने की मांग की थी। उसके बाद अगले ही दिन एसटी महामंडल को 600 करोड़ रुपये के फंड उपलब्ध कराने की घोषणा की गई थी। लेकिन अब 15 दिन गुजर जाने के बाद भी फंड नहीं मिलने से कर्मचारियों का वेतन नहीं दिया जा सका है। इस स्थिति में कर्मचारियों के लिए घर चलाना मुश्किल हो गया है।

ये भी पढ़ेंः आखिर मिल गई विधानपरिषद के प्रस्तावित 12 सदस्यों की सूची!

आय अठन्नी, खर्च रुपया
पिछले कुछ महीनों से एसटी महामंडल को बहुत कम आमदनी हो रही है। इसलिए महामंडल के लिए अपने दैनिक खर्चों को पूरा करना भी संभव नहीं हो पा रहा है। इसके लिए परिवहन मंत्री परब ने महामंडल को सरकार द्वारा आर्थिक सहायता देने का प्रस्ताव पेश किया गया थ। यह मामला उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजित पवार के सामने पेश किया गया था। उस समय उपमुख्यमंत्री ने कर्मचारियों के वेतन और अन्य दैनिक खर्चों के लिए पहले चरण में 600 करोड़ रुपये भुगतान करने पर सहमति व्यक्त की थी। हालांकि, ये 600 करोड़ अभी तक महामंडल को ट्रांसफर नहीं किए गए हैं।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.