देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर शांत होती दिख रही है, लेकिन तीसरी लहर के खतरे को लेकर चिंता बरकार है। इसके लिए केंद्र और राज्यों की सरकारें एहतियाती कदम उठा रही हैं। इस बीच ब्रिटेन समेत दुनिया के 53 देशों में पाए गए कोरोना के नए वेरिएंट ने पूरे विश्व के साथ ही भारत की भी चिंता बढ़ा दी है।
यूरोपीय देशों में एक बार फिर कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है। इसक कारण डेल्टा वेरिएंट बताया जा रहा है। इससे सुरक्षा के लिए कई यूरोपीय देश एक बार फिर लॉकडाउन की तैयारी में हैं।
दूसरी लहर की सच्चाई
ब्रिटेन कोरोना की दूसरी लहर की शुरुआत में सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में शामिल था। हालांकि चंद दिनों बाद ही भारत भी दूसरी लहर की चपेट में आ गया था। एक तरह से कोरोना की दूसरी लहर की शुरुआत ब्रिटेन और कुछ अन्य देशों से हुई थी,हालांकि बाद में वायरस को भारतीय वेरिएंट बताकर भारत को बदनाम करने की पूरी कोशिश की गई।
तीसरी लहर की आहट?
अब ब्रिटेन समेत दुनिया के 53 देशों में डेल्टा और डेल्टा प्लस वेरिएंट का संक्रमण फैलने के बाद यह आशंका होना स्वाभाविक है कि क्या यह तीसरी लहर की आहट है। दरअस्ल यह बात हवा में नहीं कही जा रही है बल्कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपने बयान में भी कहा है कि डेल्टा वेरिएंट अब तक 53 देशों में फैल चुका है।
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ब्रिटेन में लॉकडाउन बढ़ा
इस बीच ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने 14 जून को इस बात की पुष्टि की है कि डेल्टा वेरिएंट का प्रकोप तेजी से हो रहा है। इसे देखते हुए इंग्लैंड में प्रतिबंधों को चार सप्ताह के लिए बढ़ा दिया गया है। नई घोषणा के बाद अब वहां प्रतिबंधों में 19 जुलाई तक कोई छूट नहीं दी जाएगी। ब्रिटेन में लॉकडाउन की समय सीमा 21 जून को समाप्त हो रही थी। उससे पहले ही अगले लॉकडाउन की घोषणा करना इस वेरिएंट के खतरे की क्षमता को दर्शाता है। इस बारे में पीएम ने कहा कि देश में अभी लाखों लोगों का टीकाकरण बाकी है। इस स्थिति में रिस्क नहीं लिया जा सकता। लोगों को स्थिति की गंभीरता को समझते हुए सरकारी आदेश का पालन करना चाहिए।
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इन देशों ने उठाए कदम
ब्रिटेन के साथ ही कोरोना के खतरनाक वेरिएंट डेल्टा के मद्देनजर साइप्रस ने दो हफ्तों के लिए भारत आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसी प्रकार जिंबाब्वे में भी 12 जून को डेल्टा वेरिएंट पाए जाने के बाद करीबा और हुरुंग्वे जिलों में दो सप्ताह के लिए लॉकडाउन लागू कर दिया गया है।
भारत को सावधान रहने की जरुरत
भारत में डेल्टा और डेल्टा प्लस वेरिएंट के मामले काफी कम हैं। सरकारी सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार यहां डेल्टा के फिलहाल 6 मरीज पाए गए हैं। बताया यह भी जा रहा है कि डेल्टा के बाद दुनिया में डेल्टा प्लस का खतरा भी बरकार है। विशेषज्ञ अब इसके खतरे के मद्देनजर यह पता लगाने में जुटे हैं कि डेल्टा और डेल्टा प्लस प्रतिरोधक क्षमता को कितना और किस तरह चकमा दे सकते हैं। साथ ही वे यह भी पता कर रहे हैं कि कोरोना वैक्सीन उन पर पूरी तरह असरकारक है या नहीं।