खालिस्तानी टूलकिट का मोहरा हैं गायक और कलाकार?

खालिस्तान के समर्थक आतंकियों को पाकिस्तान पोष रहा है। ये पैसे ऐंठ कर भारत के विरोध की बांक दे रहे हैं। सिख समुदाय को दिखाने के लिए ये ऐसे लोगों को वरगला रहे हैं जिनका भारत से कोई लेनादेना नहीं है और उनसे पैसे ऐंठ रहे हैं।

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खालिस्तानी आतंकियों का एक टूलकिट जारी हुआ था, जिसमें वैश्विक स्तर पर खालिस्तान का प्रचार करने के लिए कलाकार, सामाजिक कार्यकर्ता, स्थानीय प्रचार माध्यमों का उपयोग करने का उल्लेख था। उसी कार्य को करने के लिए पाकिस्तान पोषित खालिस्तानी दल जुटे हुए हैं। इसमें कनाडा, अमेरिका, लंदन और ऑस्ट्रेलिया के सिख युवाओं को अब मोहरा बनाया जा रहा है।

जसविंदर सिंह बैंस उर्फ जैजी बी की ट्वीटर पर बोलती भारत ने बंद कर दी। उसका अकाउंट भारत में बंद कर दिया गया। उसके साथ सुखदीप सिंह भोगल उर्फ एल-फ्रेश द लायन का ट्वीटर अकाउंट भी ब्लॉक किया गया है। जैजी बी कनाडा के सरी का रहनेवाला है, जबकि एल-फ्रेश द लायन सिडनी में रहता है। ये दोनों संशोधित कृषि कानूनों के विरोध और खालिस्तानी आतंकी जरनैल सिंह भिंडरावाले के समर्थन में ट्वीट कर रहे थे।

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आतंकी पन्नू भी आया समर्थन में
इन खालिस्तानी समर्थकों के साथ अब गुरपतवंत सिंह पन्नू भी आ गया है। उसने अपने यू ट्यूब चैनल पर इन खालिस्तानी समर्थकों का महिमा मंडन किया है। पन्नू और उसकी मानसिकता वाले अन्य खालिस्तानी आतंकी कलाकारों की लोकप्रियता का उपयोग इन्फ्लुएंन्सर्स की भांति कर रहे हैं। इसके लिए वै पैसे खर्च करके इन भाड़े के टट्टुओं को खरीद रहे हैं।

रिहाना, ग्रेटा का हो चुका है उपयोग
इसके पहले गायिका रिहाना ने भी किसान यूनियन आंदोलन के प्रति सहानुभूति जताई थी। इसके पीछे जब खोज की गई तो कनाडाई नेता गुरमीत सिंह का नाम सामने आया। इसके अलावा पोएटिक जस्टिस फाऊंडेशन के मनमंदर मो धालीवाल और अनीता लाल के नाम सामने आए। धालीवाल एक पीआर कंपनी चलाता है इसके माध्यम से ही पैसे देकर रिहाना और ग्रेटा थनबर्ग को किसान आंदोलन के नाम पर गुमराह किया गया था।

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