शेतकारी कामगार पार्टी के पूर्व विधायक विवेक पाटील को प्रवर्तन निदेशालय ने पनवेल से 15 जून को करनाला नगरी सहकारी बैंक में 540 करोड़ रुपये के घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया है। उन पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इस मामले में राज्य गुनाह अन्वेषण विभाग जांच कर रहा था। हालांकि यह घोटाला 100 करोड़ रुपये से अधिक का है, इसलिए प्रवर्तन निदेशालय को मामले की जांच करने का अधिकार स्वतः ही मिल जाता है। उसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने मामले की जांच शुरू की थी। फिलहाल मामले में ईडी ने पूर्व विधायक विवेक पाटील को गिरफ्तार किया है। रात करीब नौ बजे उन्हें उनके निवास से गिरफ्तार किया गया।
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भाजपा पर सरकार पर आरोप
इस बैंक के निवेशकों ने न्याय दिलाने की मांग को लेकर रिजर्व बैंक तक मार्च किया था। साथ ही घोटाले के आरोपियों को सजा देने की भी मांग की थी। हालांकि भाजपा विधायक प्रशांत ठाकुर ने विवेक पाटील को महाविकास अघाड़ी सरकार द्वारा बचाने का आरोप लगाया है। इस संबंध में भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने भी शिकायत दर्ज कराई थी।
ED ईडीने माजी आमदार विवेक पाटीलना ₹800 कोटीचा करनाळा सहकारी बँकेच्या घोटाळासाठी अटक केली.
आमदार प्रशांत ठाकूर, आमदार महेश बालदी आणि मी १८ महिन्यांपासून या बँकेच्या लहान ठेवीदारांसाठी संघर्ष करीत आहोत @BJP4Maharashtra @Dev_Fadnavis @ChDadaPatil pic.twitter.com/kgYFpYP06F
— Kirit Somaiya (@KiritSomaiya) June 15, 2021
संपत्ति जब्त
पाटील की संपत्ति को पहले ही जब्त किया जा चुका है। उनके वाहन भी जब्त कर लिए गए हैं। सहकारिता विभाग की ओर से पिछले दो साल से उन पर भ्रष्टाचार की जांच चल रही थी। भाजपा ने आरोप लगाया था कि पाटील को सरकार द्वारा बचाया जा रहा है क्योंकि उनकी पार्टी शेकाप ने महाविकास अघाड़ी का समर्थन किया था।