देश की 41 ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। सरकार ने इन्हें 7 काॉरपोरेट कंपनियों में सम्माहित करने का फैसला किया है। इसके बाद ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में 16 जून को यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। निर्णय लेने से पहले प्रतिरक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में बने अधिकार प्राप्त मंत्री समूह की सिफारिशों को कैबिनेट में मंजूरी प्रदान की गई।
पूरी तरह सरकारी होंगी कंपनियां
बता दें ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों को जिन कपंनियों में सम्माहित किया जाएगा, वे पूरी तरह सरकारी होंगी। सरकार की ओर से दावा किया है कि इस फैसले से इन फैक्ट्रियों के कर्मचारियों के हितों को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों की नई कंपनियों में उनका समायोजन उनके कार्य के अनुसार किया जाएगा। प्रारंभ में उन्हें दो साल की प्रतिनियुक्ति पर नई कंपनियों में भेजा जाएगा।
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ऐसी होंगी 7 कंपनियां
- पहली कंपनी गोलाबारूद और विस्फोटक समूह की होगी।
- दूसरी कंपनी वाहन समूह की होगी।
- तीसरी कंपनी हथियार और उपकरणों की होगी।
- चौथी कंपनी सैनिकों से जुड़े साजोसामान बनाने की होगी
- पांचवीं एनसिलरी ग्रुप की होगी।
- छठी आप्टो इलेक्ट्रोनिक्स ग्रुप की होगी।
- सातवीं कंपनी पैराशूट ग्रुप की होगी।
इसलिए लिया गया यह निर्णय
सरकार का कहना है कि ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों को कॉरपोरेट कंपनियों में रुपांतरित करने पर लंबे समय से वियार किया जा रहा था। इससे उनकी क्षमता बढ़ेगी और उत्पादन बढ़ने के साथ ही लागत में कमी लाना संभव हो सकेगा। उन्हें नए किस्म और गुणवत्ता के हथियारों के उत्पादन बढ़ाने का अवसर मिलेगा। इसके साथ ही बाजार में ये प्रतिस्पर्धा करने की स्थिति में आ सकेंगी।