पूरी दुनिया में आतंक के लिए जिम्मेदार पाकिस्तान अब तक इस बारे में खुलकर कुछ भी बोलने से बचता रहा है, लेकिन अब उसका असली चेहरा सब के सामने आ गया है। पाकिस्तान सरकार के मंत्री फवाद चौधरी ने खुद संसद में कबूल किया है कि पुलवामा आतंकी हमले को इमरान खान की सरपरस्ती में अंजाम दिया गया था। उन्होंने कहा कि पुलवामा हमला इमरान खान के नेतृत्व में पाकिस्तान के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इससे पहले तक आर्थिक प्रतिबंधों से बचने के लिए पाकिस्तान की इमरान सरकार पुलवामा में आतंकी हमले से इंकार करती रही रही है। अब पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में खुद उसके मंत्री ने यह कबूल किया है।
इमरान खान को दिया श्रेय
फवाद चौधरी ने संसद में यह कबूल किया कि पुसवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले में पाकिस्तान का हाथ था। उन्होंने इसका श्रेय इमरान खान और उनकी पार्टी पीटीआई को दिया।
पाकिस्तान अब तक करता रहा है ढोंग
फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स( एफएटीएफ) की ब्लैकलिस्ट होने से बचने के लिए पाकिस्तान अभी तक आतंक के खिलाफ कार्रवाई का ढोंग दुनिया के सामने करता रहा है, लेकिन अब उसके ही मंत्री ने संसद में कबूल किया है कि पुलवामा हमले को पाकिस्तान ने कराया था। उनके इस कबूलनामे के बाद फिलहाल एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में शामिल पाकिस्तान के ब्लैकलिस्ट होने की संभावना बढ़ गई है। इसी हफ्ते एफएटीएफ ने उसे ग्रे लिस्ट में बरकार रखा है और अगले साल फरवरी में उसकी तरफ से आतंक पर लगाम लगाने के लिए कार्रवाई के मूल्यांकन करने के बाद उसकी ब्लैकलिस्ट पर फैसला करने की बात कही है।
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पाकिस्तान को चुकानी पड़ेगी कीमत
पाकिस्तान ने ऐसा कर अपने ही पैर में कुल्हाड़ी मारी है। अंदाजा लगया जा रहा है कि एपएटीएफ के फैसले से इस साल दिसंबर तक उसे 25 अरब डॉलर का नुकसान होगा। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने पिछले साल बताया था कि देश को ग्रे लिस्ट मे रहने से हर साल 10 अरब डॉलर का नुकसान होता है। वह जून 2018 से दिसंबर 2020 तक ढाई साल हो जाएंगे। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का ढोंग करनेवाले पाकिस्तान को अब उसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।
अगर पाकिस्तान एफएटीएफ में ब्लैकलिस्ट होता है तो विश्व बैंक, आईएमएफ जैसे संगठनों और देशों से उसे आर्थिक मदद नहीं मिलेंगी। इस वजह से पहले से ही आर्थिक रुप से बदहाल पाकिस्तान की हालत और पस्त हो जाएगी।
क्या है पुलवामा हमला?
पिछले साल पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। यह हमला सीआरपीएफ के काफिले पर किया गया था। इसे जैश-ए- मोहम्मद ने अंजाम दिया था। 14 फरवरी 2019 को जम्मू से श्रीनगर के लिए ढाई हजार सीआरपीएफ जवानों का काफिला 78 बसों से जा रहा था। काफिला पुलवामा से होकर गुजर रहा था, तभी शाम करीब 3 बजे विस्फोटकों से भरी एक कार ने काफिले की एक बस को टक्कर मार दी थी। इस आत्मघाती हमले में 20 जवान शहीद हो गए थे।
हमले के बाद की मुख्य बातेंः
- पुलवामा हमले के बाद भारत और पाक में युद्ध की नौबत आ गई थी
- देशवासियों का पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा चरम पर था
- आखिरकार 26 फरवरी 2019 को इंडियन एयरफोर्स ने पाकिस्तान में घुसकर बालाघाट में एयरस्ट्राइक की थी
- इसमें जैश-ए- मोहम्मद के सबसे बड़े टेरर कैंप को तबाह कर दिया गया था
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