असम के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भी जनसंख्या नियंत्रण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब इस प्रदेश में भी उन लोगों को सरकारी योजनाओं से वंचित रहना पड़ सकता है, जो दो से ज्यादा बच्चे पैदा करेंगे।
यूपी राज्य विधि आयोग ने राज्य में जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून का मसौदा बनना शुरू कर दिया है। इससे पहले 19 जून को असम के मुख्य मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी घोषणा की है कि राज्य सरकार विशेष सरकारी योजनाओं का लाभ देने में दो बच्चा नीति लागू करेगी। यह काम सिलसिलेवार ढंग से किया जाएगा।
सीएम सरमा ने कही ये बात
पूर्वोत्तर राज्य असम के सीएम सरमा ने मीडियकर्मियों से बात करे हुए कहा कि प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण योजनाओं को तुरंत लागू नहीं किया जाएगा। क्योंकि कई योजनाएं केंद्र की मदद से चलाई जाती हैं। उन्होंने कहा कि जो योजानाएं राज्य सरकार द्वारा चलाई जाती हैं, उनमें हम इस नीति को लागू कर सकते हैं। जैसे स्कूलों और कॉलेजों में मुफ्त नामांकन या प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान देने में इसे लागू किया जा सकता है। सरमा ने कहा कि धीरे-धीरे जनसंख्या नीति राज्य सरकार की हर योजना में लागू की जाएगी।
सरकार और विपक्ष में तकरार
इसे लेकर सीएम सरमा विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं। सरमा खुद पांच भाई हैं और इस बात को लेकर जनसंख्या नियंत्रण कानून के लिए राज्य में उठाए जा रहे कड़े कदम की विपक्ष ने आलोचना की है। सरमा ने इस बारे में सफाई देते हुए कहा है कि 1970 के दशक में हमारे माता-पिता या दूसरे लोगों ने क्या किया, इस पर अब बात करने का कोई अर्थ नहीं है। इसके लिए उन्होंने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष हमें 70 के दशक में ले जाना चाहता है।पिछले महीने ही सरमा ने असम के मुख्यमंत्री के पद की शपथ ली है। उसके कुछ ही दिनों बाद वे सरकारी योजनाओं के तहत लाभ लेने के लिए दो बच्चा नीति की वकालत कर रहे हैं।
विधि आयोग कर रहा है अध्ययन
यूपी विधि आयोग फिलहाल राजस्थान, मध्य प्रदेश और कुछ अन्य राज्यों में लागू कानूनों का अध्ययन कर रहा है। वह जल्द ही इस संबंध में अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौपेंगा।
यूपी में लागू हो चुके हैं कई कानून
बता दें उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के चार वर्षों के कार्यकाल में लव जिहाद समेत सरकारी और निजी संपत्ति क्षति वसूली अधिनियम जैसे कई नए कानूनों को लागू किया गया है। इसके साथ ही कई महत्वपूर्ण कानूनों में परिवर्तन की रुपरेखा तैयार की जा रही है। इनमें दो बच्चा नीति भी शामिल हो गई है।