शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे गए पत्र मीडिया में आ जाने के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आ गया है। इसे लेकर महाराष्ट्र विधानपरिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर ने शिवसेना पर निशाना साधा है। दरेकर ने कहा है कि सरनाई के इस पत्र से साबित होता है कि पार्टी के विधायकों में बेचैनी है। जमीनी स्तर के पार्टी नेताओं का दम घुट रहा है। वे पार्टी से परेशान और नाराज हैं।
शिवसैनिकों की मानसिकता का खुलासा
दरेकर ने कहा कि शिवसेना महाविकास आघाड़ी सरकार में सत्ता में मुख्य पार्टी है और उसके पास मुख्यमंत्री का पद है। शिवसेना भले ही सत्ता में है, लेकिन यह स्पष्ट होता जा रहा है कि शिवसेना सत्ता का उपयोग नहीं कर पा रही है लेकिन कांग्रेस-राकांपा सत्ता का पूरा उपयोग कर रही है। इस स्थिति में सत्ता में रहकर क्या लाभ है, इस तरह का सवाल प्रताप सरनाईक ने खड़ा किया है। दरेकर ने कहा कि यह शिवसेना के सभी विधायकों की मानसिकता का खुलासा है। उन्होंने कहा कि देवेंद्र फडणवीस के कार्यकाल में भाजपा-शिवसेना के बीच जो तालमेल विकसित हुआ, वह अब शिवसेना के नेताओं को समझ में आ रहा है।
संजय राउत ने पत्र का सिर्फ एक पैराग्राफ पढ़ा
प्रवीण दरेकर ने कहा कि शिवसेना सांसद संजय राउत को उनकी पार्टी के विधायक द्वारा लिखे गए पत्र में शिवसैनिकों की भावनाएं महत्वपूर्ण नहीं लगतीं। इसलिए उन्होंने उस पत्र का सिर्फ एक पैरा पढ़ा, जो कंद्रीय जांच एजेंसी के जरिए हो रहे उत्पीड़न के संदर्भ में था। दरेकर ने कहा कि शिवसेना के लिए इससे बड़ा दुर्भाग्य नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि यह महाविकास आघाड़ी सरकार में चल रही नाराजगी को दर्शाता है। महाराष्ट्र के लोगों को यह बात अच्छी तरह मालूम है कि संजय राउत शिवसेना की चिंता करते हैं या राकांपी की।