मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह पर दंड लगाया गया है। यह दंड तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगे सौ करोड़ रुपए के धन उगाही के आरोप की जांच कर रहे आयोग ने लगाया है। इस प्रकरण में एन्काउंटर स्पेशालिस्ट सचिन वाझे की भी पूछताछ की जा रही है। इस प्रकरण में उच्च न्यायालय के आदेश के बाद सीबीआई भी जांच कर रही है, जिसने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार जांच में सहयोग नहीं कर रही है।
तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख पर सौ करोड़ रुपए की धन उगाही कराने का लेटर बम मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने फोड़ा था। इस प्रकरण की जांच के लिए राज्य सरकार ने न्यायमूर्ति कैलाश चांदीवाल की अध्यक्षता में आयोग गठित किया है। जो इस प्रकरण में पूछताछ और प्रकरण की पूरी जांच करके रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे। इस संबंध में न्यायमूर्ति कैलाश चांदीवाल ने परमबीर सिंह को एक प्रतिज्ञापत्र दायर करने का आदेश दिया था, जो तय समय सीमा में जमा नहीं कराई गई। इसके बाद न्यायमूर्ति कैलाश चांदीवाल ने पांच हजार रुपए का अर्थ दंड परमबीर सिंह पर लगाया है।
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ये है प्रकरण
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने 20 मार्च को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी को एक पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख पर सरकारी अधिकायों से सौ करोड़ रुपए की धन उगाही तय करने का आरोप लगाया था। इसमें परमबीर सिंह ने सचिन वाझे और एसीपी संजय पाटील का नाम लिया था।
अनिल देशमुख पर आरोप लगने के बाद बहुत हंगामा मच गया। इसके बाद अप्रैल में अनिल देशमुख ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस प्रकरण में बॉम्बे उच्च न्यायालय ने सीबीआई को प्राथमिक जांच करने का आदेश भी दिया था।
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जांच के लिए गठित हुआ आयोग
महाराष्ट्र सरकार ने 30 मार्च को न्यायमूर्ति कैलाश चांदीवाल की अध्यक्षता में एक आयोग गठित किया। इस संबंध में 3 मई को अधिसूचना प्रकाशित की गई थी। इसकी जिम्मेदारी सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति कैलाश चांदीवाल को सौंपी गई। इसके लिए न्यायमूर्ति चांदीवाल को पांच सहायक कर्मी भी दिये गए हैं। उन्हें इसके लिए उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति के समान मानधन और सुविधाएं दी गई हैं।