कोरोना की दूसरी लहर ने देश में कहर बरपाया था। इसकी चपेट में आकर देश के हजारों लोगों ने अपनी जान गंवा दी, जबकि अभी भी हजारों लोगों का उपचार देश के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। इस बीच कोरोना के नए वेरिएंट डेल्टा प्लस ने लोगों के साथ ही सरकार के सामने भी चिंता का पहाड़ खड़ा कर दिया है। फिलहाल ब्रिटेन समेत कई देशों में तबाही मचाने के बाद भारत में भी इसने दस्तक दे दी है। इसके साथ ही देश के कई राज्यों में भी इस नए वेरिएंट के मामले सामने आए हैं।
महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मामले
वर्तमान में देश के जिन राज्यों में कोरोना डेल्टा प्लस के मरीज पाए गए हैं, उनमें महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा है। इस प्रदेश में नए वेरिएंट के 21 मरीज पाए गए हैं। इनमें रत्नागिरी- 7 जलगांव- 7, मुंबई – 4 और पालघर, सिंधुदुर्ग व ठाणे के 1-1 मरीज शामिल हैं। इस संबंध में जानकारी देते हुए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि प्रत्येक जिले से 100 नमूने लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया में सीएसआईआर और आईजीआईबी से मदद ली जा रही है। साथ ही एनसीडीसी भी इसमें सहयोग कर रहा है। 15 मई से अब तक 7,500 नमूने लिए गए हैं । इसमें डेल्टा प्लस वेरिएंट के करीब 21 मामले मिले हैं।
खतरे की घंटी
नए वेरिएंट के देश के अन्य राज्यों की अपेक्षा महाराष्ट्र में अधिक मामले का पाया जाना खतरे की घंटी मानी जा रही है। बता दें कि देश में पहली और दूसरी लहर आने की शुरुआत भी मुंबई-महाराष्ट्र से हुई थी। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या कोरोना की तीसरी लहर की शुरुआत भी महाराष्ट्र से होगी?
केरल में पाए गए तीन मरीज
महाराष्ट्र के साथ ही केरल में भी डेल्टा प्लस वेरिएंट के मामले पाए गए हैं। यहां के जो जिले पलक्कड़ और पथनमथिट्टा से इकट्ठा किए गए नमूनों में तीन डेल्टा वेरिएंट प्लस के मामले पाए गए हैं। पथनमथिट्टा के जिलाधिकारी डॉ. नरसिम्हुगरी टी.एल रेड्डी ने कहा कि जिले के काडापरा पंचायत का एक चार वर्षीय बच्चा डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित पाया गया है।
भोपाल में भी मिले डेल्टा प्लस के मरीज
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोना के नए वेरिएंट डेल्टा प्लस का पहला मामला सामने आया है। यहां की 65 वर्षीय महिला के इस वेरिएंट से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। एमपी में महामारी की दूसरी लहर से काफी राहत है लेकिन नए वेरिएंट डेल्टा प्लस से सरकार की चिंता बढ़ रही है।
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क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
इस बीच एम्स के जैविक रसायन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ सुभद्रदीप करमाकर ने कहा है कि हर वेरिएंट एक अलग तरह का क्लिनिकल रिस्पॉन्स लेकर आता है। कोरोना के पिछले वेरिएंट में ऑक्सीजन का स्तर गिर रहा था, लेकिन हमें नहीं पता कि डेल्टा प्लस वेरिएंट किस तरह का है। डॉ सुभद्रदीप करमाकर ने बताया कि डेल्टा प्लस में अतिरिक्त उत्परिवर्ती K417N है, जो डेल्टा (B.1.617.2) को डेल्टा प्लस में परिवर्तित करता है। यह अल्फा वेरिएंट की तुलना में 35-60% अधिक संक्रामक है।
चिंता की बात नहीं
उन्होंने बताया कि भारत में इसकी संख्या अभी बहुत कम है। इसलिए इसे लेकर बहुत अधिक चिंता करने की जरुकत नहीं है लेकिन सावधानी बरतनी जरुरी है।