सर्वदलीय बैठक में कौन-कौन? गुपचुप और गुपकार?

जम्मू के साथ भेदभाव का आरोप लगता रहा है। यह पूर्व की सरकारों में भी लगता रहा है और अब बदले परिदृश्य में भी एक बार पुन: गूंज रहा है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जम्मू कश्मीर की राजनीतिक पार्टियों से चर्चा करनेवाले हैं। इसके लिए वहां की राजनीतिक पार्टियों को आमंत्रण भेजा गया है। ऐसे में जम्मू के राजनीतिक दलों ने इस बैठक के आमंत्रितों को लेकर आरोप लगाना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि कश्मीर के गुपकार ग्रुप और जम्मू की दो पार्टियों के अलावा जो राजनीतिक दल हैं उन्हें अपने विचार रखने से वंचित रखने के लिए षड्यंत्र खेला जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी कार्यशैली पर बहुत ही स्पष्ट और कड़ाई से पालन करनेवालों में से हैं। वर्षों से अनुच्छेद 370 और 35ए नासूर की भांति भारत को टीस रहा था वह एक झटके में रद्द करके जम्मू कश्मीर को विकास की यात्रा में आगे करने का प्रयत्न गया। परंतु, जब जम्मू कश्मीर के राजनीतिक मुख्यधारा में लौटने की चर्चा होने का काल आया तो उसमें जम्मू के साथ भेदभाव का मुद्दा सामने आया है। जम्मू के पंजीकृत दलों को प्रधानमंत्री के साथ होनेवाली बैठक में नहीं बुलाया गया है, जबकि कश्मीर के उन दलों को बी बुलाया गया है जिनका पंजीकरण भी नहीं हुआ है। इस परिस्थिति में जम्मू के लोग प्रश्न करने लगे हैं कि क्या इस बैठक को सर्वदलीय कहना उचित होगा? उनका मत है कि इस बैठक की आमंत्रण सूची तुष्टीकरण की राजनीति से प्रेरित है। यह गुपकार और गुपचुप की मीटिंग है।

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जिनकी मान्यता नहीं वे भी सर्वदलीय बैठक में…
इस बैठक में बुलाए गए दलों को देखा जाए तो इसमें चार पूर्व मुख्यमंत्री और उनके दल, गुपकार समूह और अन्य दल हैं। इसमें से जम्मू एंड कश्मीर अपनी पार्टी का तो पंजीकरण भी न होने का आरोप लग रहा है। इनकी सूची जानकर ही स्पष्ट हो जाता है कि बैठक के आमंत्रण में भी कश्मीर को ही प्रधानता मिली है…

  • नेशनल कॉन्फ्रेन्स – फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला
  • पिपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी – महबूबा मुफ्ती
  • अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी – गुलाम नबी आजाद, गुलाम अहमद मीर
  • भारतीय जनता पार्टी – निर्मल सिंह, कविंदर गुप्ता
  • कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) – मोहम्मद युसुफ तारीगामी
  • पीपल्स कॉन्फ्रेन्स – सज्जाद लोन
  • जम्मू एंड कश्मीर अपनी पार्टी – अल्ताफ बुखारी
  • पैंथर्स पार्टी – भीम सिंह
  • नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी- गुलाम हसन मीर
  • अवामी नेशनल कॉन्फ्रेन्स – मुजफ्फर शाह

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जम्मू को बेंच दिया
जम्मू कश्मीर पर होनेवाली बैठक में इक्कजुट्ट जम्मू को नहीं बुलाया गया है। इस मुद्दे पर इसके अध्यक्ष अंकुर शर्मा ने केंद्र सरकार की मंशा पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

प्रधानमंत्री ने कश्मीर घाटी के ऐसे नेताओं से बातचीत करने जा रहे हैं जिन पर अलगाववादी शक्तियों के साथ मिलकर देश विरोधी ताकतों को मजबूत करने का आरोप लगता रहा है। क्या कारण है कि राष्ट्रवादी नेताओं को अपनी बात रखने के लिए आमंत्रित नहीं किया गया? ऐसा लगता है कि सरकार के मानचित्र पर जम्मू संभाग नहीं है। केंद्र सरकार ने कश्मीर केंद्रित पार्टियों के समक्ष समर्पण कर दिया है। केंद्र सरकार जम्मू को बेचने निकली है।

उचित प्रतिनिधित्व नहीं
जम्मू की राजनैतिक पार्टियों को प्रधानमंत्री की सर्वदलीय बैठक में जगह नहीं मिल पाई है। जम्मू से पैंथर्स पार्टी के मात्र भीम सिंह और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को बुलाया गया है।

पैंथर्स पार्टी के नेता भीम सिंह ने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया था, उनके स्थान पर हर्ष देव और बलवंत सिंह मनकोटिया पार्टी का संचालन कर रहे थे, लेकिन इस बैठक में भीम सिंह को ही बुलाया गया है। इससे पैंथर्स पार्टी में अस्वस्थता है। इसी प्रकार इक्कजुट्ट जम्मू को भी न्योता नहीं मिला है। जो पार्टी पूरे जम्मू संभाग में अच्छा कार्य करती रही है, चुनावों में भी उसके उम्मीदवार हिस्सा लेते हैं।

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