क्यों जल रहा है फ्रांस?

फ्रांस इस्लामिक कट्टरवाद और आतंकवाद के खिलाफ सबसे बड़ी लड़ाई का चेहरा बन चुका है। इसके राष्ट्पति इमैनुअल मैक्रो दुनिया भर में विरोध प्रदर्शन और देश पर हो रहे आतंकवादी हमलों के बावजूद झुकने को तैयार नहीं हैं। मैक्रो ने स्पष्ट किया है कि इस्लामिक हमले के बावजूद फ्रांस अपने मूल्यों को नहीं छोड़ेगा।

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इस्लामिक आतंकवाद को लेकर दुनिया दो धड़ों में बंटती नजर आ रही है। पेरिस में टीचर का सिर धड़ से अलग करने को लेकर जहां फ्रांस में इस्लामिक कट्टरवादियों पर कार्रवाई के खिलाफ मुस्लिम देशों में बड़े पैमाने प्रदर्शन हो रहे हैं। वहीं इस्लामिक आतंकवाद के मुद्दे पर फ्रांस को भारत,अमेरिका और यूरोपीय संघ जैसी बड़ी शक्तियों का समर्थन मिल रहा है। इस वजह से इस मुद्दे पर टकरवा बढ़ने से इनकार नहीं किया जा सकता।

महातिर मोहम्मद ने उगली आग
फ्रांस के खिलाफ मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री और कट्टर मुस्लिम नेता महातिर मोहम्मद ने इस पर आग उगली है। उन्होंने अपना भड़ास निकालते हुए ट्विट किया,” हालांकि धर्म से परे, गुस्साए लोग हत्या करते हैं। फ्रांस ने अपने इतिहास में लाखों लोगों की हत्या की है। उनमें से कई मुस्लिम थे। मुसलमानों को गुस्सा आने और इतिहा में किए गए नरसंहारों के लिए फ्रांस के लाखों लोगों की हत्या करने का हक है।

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ट्विटर ने करी दी डिलीट
ट्विटर ने महातिर के इस ट्विट को नियमों का उल्लंघन बताते हुए डिलीट कर दिया। इसके बाद महातिर ने फिर से ट्विट किया, “अभी तक मुसलमानों ने आंख के बदले आंख निकालना शुरू नहीं किया है। मुस्लिम ऐसा नहीं करते हैं और फ्रांससीसियों को भी नहीं करना चाहिए। फ्रांसीसियों को अपनी तरह ही दूसरे लोगों की भावनाओं का भी सम्मान करना सिखाना चाहिए।”

पाक पीएम इमरान खान ने इस्लामिक हिंसा को उचित बताया
पाकिस्तान के प्राइम मिनिस्टर इमरान खान ने इस्लाम के नाम पर हो रही हिंसा को सही ठहराया है। उन्होंने कहा, “मुसलमान देख रहे हैं कि उनके विश्वास और सबसे अजीज पैगंबर मोहम्मद साहब को निशाना बनाकर मुस्लिम समुदाय के साथ भेदभाव किया ज रहा है और उनको प्रभावहीन बनाया जा रहा है तो उनकी ओर से क्रोध में ऐसे खतरनाक कदम उठाए जा रहे हैं।

तुर्की के राष्ट्रपति ने की भड़काने की शुरुआत
दरअस्ल तुर्की के राष्ट्रपति रजब अर्दोगान ने फ्रांस के खिलाफ दुनिया भर के मुसलमानों को भड़काने की शुरुआत की। उन्होंने कहा,” मैं अपने सभी नागरिकों और दुनिया भर के मुसलमानों से आह्वान कर रहा हूं। जैसे वे कहते हैं कि फ्रांस में तुर्की के ब्रांडों की खरीद मत करो। मैं यहां से अपने सभी नागरिकों से फ्रांसीसी ब्रांडों की मदद नहीं करने या उन्हें नहीं खरीदने की अपील कर रहा हूं।”

इस्लामिक कट्टरवाद के खिलाफ फ्रांस सबसे बड़ा चेहरा
फ्रांस इस्लामिक कट्टरवाद और आतंकवाद के खिलाफ सबसे बड़ी लड़ाई का चेहरा बन चुका है। इसके राष्ट्पति इमैनुअल मैक्रो दुनिया भर में विरोध प्रदर्शन और देश पर हो रहे आतंकवादी हमलों के बावजूद झुकने को तैयार नहीं हैं। मैक्रो ने स्पष्ट किया है कि इस्लामिक हमले के बावजूद फ्रांस अपने मूल्यों को नहीं छोड़ेगा।

नीस में बड़ा आतंकी हमला
इस बीच पेरिस में टीचर की गला काटकर हत्या के बाद फ्रांस के नीस शहर में एक बार इस्लामिक आतंकी हमला हुआ है। हाथ में कुरान और चाकू लिए एक कट्टरवादी ने पहले मजहबी नारे लगाए, उसके बाद उसने लोगों पर हमला कर दिया। इस वारदात में तीन लोगों की जान चली गई। यह आरोपी इसी साल सिंतबर में ट्यूनिया से आया था और उसकी उम्र मात्र 21 साल है।

फ्रांस के राष्ट्रपति ने ट्विट कर दी जानकारी
इस घटना के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रो ने कहा, “सर और मैडम, एक बार फिर हमारा देश इस्लामी आतंकवाद का शिकार हुआ है। इस सुबह हमारे तीन नागरिकों की नीस में हत्या कर दी गई है।”

फ्रांस को भारत का समर्थन
इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ फ्रांस को भारत का भी साथ मिला है। पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्विट किया, “मैं आज नीस में चर्च के भीतर हुए नृशंस हमले समेत फ्रांस मे हुए हालिया आतंकी हमलों की कड़ी निंदा करता हूं। पीड़ितों के परिजनों और फ्रांस के नागरिकों के साथ हमारी संवेदना। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत फ्रांस के साथ है।”

अमेरिका भी समर्थन
अमेरिका के प्रधानमंत्री डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस्लामी आतंकवाद के खिलाफ आवाज बुलंद की है। ट्रंप ने कहा, “हमारा दिल फ्रांस के लोगों के साथ है। अमेरिका इस लड़ाई में अपने सबसे पुराने सहयोगी के साथ खड़ा है। इन कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकवादी हमलों को तुरंत रोकना चाहिए।

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