पाकिस्तान कठिन आर्थिक परिस्थिति से गुजर रहा है। आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता के कारण उसे वैश्विक आतंक निरोधी संस्था एफएटीएफ ने ग्रे सूची में डाल दिया है। इस सूची से बाहर आने के लिए पाकिस्तान के सभी प्रयत्न नाकाम हो चुके हैं, ऐसे में अब आतंकी आकाओं से मुक्त होने की कोशिश में जुट गई है पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसी आईएसआई। आतंकी हाफिज सईद के घर के बाहर हुए धमाके में आईएसआई की भूमिका को लेकर इसीलिये आरोप लगने लगे हैं।
लाहौर के अल्लाहू बोलवार्ड नाके पर ही हाफिज सईद रहता है। यह धमाका भी वहीं हुआ है। इस धमाके में तीन की मौत और 21 लोग घायल हो गए। आतंकी संगठन जमातुद दावा का मुखिया है हाफिज सईद। उसकी सुरक्षा में पाकिस्तानी पुलिस तैनात रहती है। इस धमाके में पुलिस कर्मी भी घायल हुए हैं। स्थानीय समाचार माध्यमों के अनुसार इस धमाके के समय हाफिज सईद घर पर ही था। इस धमाके बाद एक चर्चा शुरू हो गई है कि पाकिस्तान अब पुराने आतंकी आकाओं से मुक्ति चाहता है, जिससे वो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ये दिखा सके कि आतंक उसके यहां से समाप्त हो चुका है।
एफएटीएफ सूची बनी सिरदर्द
जून 2018 में पेरिस स्थित वित्तीय कार्रवाई बल (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को आतंकी गतिविधियों और आतंकी गतिविधियों को आर्थिक सहायता देने के आरोप में ग्रे सूची में डाल दिया था। पाकिस्तान एफएटीएफ के एशिया प्रशांत समूह का सदस्य है। इसमें 40 देश हैं। इस सूची से बाहर निकलना ही पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को सुधार सकता है। इसलिए अब वो आतंक के आकाओं से मुक्ति का मार्ग खोज रहा है। इसके लिए उसे वैश्विक चिंताओं को दूर करने के लिए 27 मुद्दों को लागू करना होगा। जिस पर अब तक वो असफल रहा है।
ग्रे सूची में रहने से हानि
पाकिस्तान आर्थिक क्षेत्र में बहुत दिक्कतों से गुजर रहा है। एफएटीएफ की ग्रे सूची में रहने के कारण उसे इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड और यूरोपियन देशों से मिलनेवाली आर्थिक सहायता नहीं मिल पा रही है। यह परिस्थिति 2018 से चल रही है। चीन के हाथों कठपुतली बना पाकिस्तान इससे बाहर निकलना चाह रहा है।
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हाफिज सईद कौन है?
हाफिज सईद अंतरराष्ट्रीय आतंकी है। वह जमातुद दावा नामक आतंकी संगठन का प्रमुख है। उसे संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया है। उस पर अमेरिका ने एक करोड़ रुपए का इनाम भी घोषित किया था। हाफिज सईद का नाम मुंबई आतंकी हमलों में भी है। इस दबाव के चलते पाकिस्तानी न्यायालय ने टेरर फंडिंग के प्रकरण में उसे 36 वर्षों की सजा सुनाकर कोट लखपत में बंद कर दिया था। परंतु, विश्व की आंख में धूल झोंककर पाकिस्तान का आतंकी आका ऐश ओ आराम से अपने लाहौर के घर में रहता है।