अजित पवार महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार में उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दबंग नेता हैं। विरोधी हमेशा ‘दादा’ पर आरोप लगाते रहते हैं लेकिन कई नेता उनसे पंगा लेने से परहेज करते हैं। 24 जून को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में भी यही देखने को मिला। दादर के वसंत स्मृति में भाजपा कार्यकारिणी की बैठक हुई। बैठक में कई प्रस्ताव रखे गए। लेकिन प्रस्ताव पेश करते समय वे अजित पवार और शिवसेना नेता व परिवहन मंत्री अनिल परब के खिलाफ एक अहम प्रस्ताव पेश करना भूल गए। जब शेलार अपने भाषण के दौरान इतना अहम प्रस्ताव रखना भूल गए, तो सवाल यह उठता है कि क्या उसने जानबूझकर इसे टाल दिया?
क्या था प्रस्ताव?
तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख वसूली टारगेट प्रकरण में मुंबई पुलिस के पूर्व सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाझे ने अजित पवार के साथ ही अनिल परब पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त के पत्र के आधार पर सीबीआई 100 करोड़ रुपए वसूल करने के दिए गए टारगेट प्रकरण की जांच कर रही है। कार्यकारिणी की बैठक में अजित पवार और अनिल परब की भी जांच सीबीआई द्वारा कराए जाने का प्रस्ताव रखा जाना था।
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चंद्रकांत पाटिल ने अपने भाषण में उठाया मुद्दा
आशीष शेलार इस मुद्दे को भले ही भूल गए लेकिन मंच पर बैठे प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि कुछ और महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। उसके बाद उन्होंने इस मुद्दे को उठाते हुए अजित पवार और अनिल परब की सीबीआई जांच कराने की मांग का प्रस्ताव रखा।
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भाजपा कार्यकारिणी की बैठक
राज्य में महाविकास आघाड़ी के सत्ता में आने के बाद विपक्ष में बैठी भाजपा काफी आक्रामक हो गई है। कार्यकारिणी की बैठक में आने वाले समय में भाजपा ने ओबीसी आरक्षण, मराठा आरक्षण पर और आक्रामक रुख अपनाने के संकेत दिए हैं।