अंतरराष्ट्रीय आतंकी हाफिज सईद के घर के बाहर हुए धमाके के प्रकरण में नया मोड़ सामने आया है। एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में निर्दिष्ट पाकिस्तान के भाग्य का जब फैसला होना है उस समय एक धमाके ने उसकी गुप्तचर एजेंसी और आतंकी समूहों के बीच की लड़ाई को उजागर कर दिया है। अब चर्चा ऐसी भी है कि हाफिज सईद को इस घटना के माध्यम से एक चेतावनी दी गई है।
पाकिस्तान अपने आपको एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से निकालने के लिए प्रयत्नशील है। इसके लिए वह यह दिखाने की कोशिश में है कि आतंकियों के विरुद्ध वह कड़ी कार्रवाई कर रही है परंतु सच्चाई कुछ और ही सामने आ रही है। लाहौर के अल्लाहू चौराहे पर हुए धमाके से पाकिस्तान एक तीर से दो निशाना साधने के प्रयत्न में था। वह एक ओर विश्व को दिखाना चाहता था अपनी आतंक की मार से वह भी पीड़ित है, जबकि इससे हाफिज सईद के मन में एक डर भी उत्पन्न करना उसका उद्देश्य हो सकता है।
आतंकियों की लड़ाई या आईएसआई की साजिश
Join Our WhatsApp Communityहाफिज सईद पर हुए हमले और पाकिस्तान में आतंकवादी संगठनों की सक्रियता पर ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) हेमंत महाजन ने बताया कि, पाकिस्तान में आतंकी संगठनों के तीन मॉड्यूल सक्रिय हैं।
- अतंरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन – अल कायदा और आईएसआईएस
- पाकिस्तान पोषित आतंकवादी सगंठन – लश्कर ए तोएबा, जैश ए मोहम्मद व अन्य
- पाकिस्तान विरोधी आतंकवादी संगठन – तहरीक ए तालीबान पाकिस्तान, बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी व अन्य
ब्रिगेडियर हेमंत महाजन कहते हैं कि, आतंक के तीन मॉड्यूल का पोषण करनेवाला पाकिस्तान इन्हीं का उपयोग करके जमात उद दावा के मुखिया हाफिज सईद को चेतावनी देना चाहता होगा। जिससे वह आतंकी नेटवर्क को पाकिस्तान के हितों के अनुरूप चलाता रहे। वे कहते हैं कि यदि हाफिज सईद को मारना होता तो उसे सीधे गोलियों से भून दिया जाता या बम धमाके में सीधे उसके घर को निशाना बनाया जाता। हाफिज को 24 घंटे पाकिस्तान पुलिस सुरक्षा प्रदान करती है। इसके अलावा आतंकी संगठनों में चल रही प्रतिस्पर्धा का परिणाम भी यह धमाका हो सकता है।