महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के आवास पर ईडी की छापेमारी के बाद राज्य में हड़कंप मच गया है। एक तरफ जहां ठाकरे सरकार अनिल देशमुख के घर ईडी की छापेमारी से मुश्किल में फंसती दिख रही है, वहीं अब शिवसेना नेताओं में भी खौफ बढ़ गया है। बता दें कि सचिन वाझे ने अपने पत्र में परिवहन मंत्री अनिल परब का भी उल्लेख किया है। इसलिए शिवसेना के जो नेता अब ईडी के रडार पर हैं, उन्हें चिंता है कि अनिल देशमुख के बाद उनका नंबर भी आएगा।
रडार पर शिवसेना के ये नेता
कुछ महीने पहले ईडी ने संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को पीएमसी बैंक में कथित घोटाले के सिलसिले में नोटिस जारी किया था। उसके बाद संजय राउत ने तुरंत प्रेस कान्फ्रेंस कर कहा था कि विपक्ष राजनैतिक उद्देश्य साधने के लिए ईडी और सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रहा है। लेकिन अब ईडी एक बार फिर से राज्य में सक्रिय है। इस कारण उनका सिरदर्द एक बार फिर से बढ़ने की संभावना है। संजय राउत ने हाल ही में उद्धव ठाकरे से मुलाकात भी की है। दूसरी ओर, परिवहन मंत्री अनिल परब और प्रताप सरनाइक, जो पहले से ही ईडी के रडार पर हैं, भी कथित तौर पर ईडी की कार्रवाई से चिंतित हैं। इस बात की प्रबल संभावना है कि भविष्य में शिवसेना के कुछ और नेता ईडी के रडार पर होंगे।
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सरनाईक ने व्यक्त किया था अपना दुख
केंद्रीय जांच एजेंसी के रडार पर चल रहे प्रताप सरनाईक ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अपनी बेबसी जाहिर की थी। उन्होंने कहा था, ‘बेहतर यही होगा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हो जाएं।’ अपने पत्र में, सरनाईक ने अपने साथ अनिल परब और रवींद्र वायकर का भी नाम लिया था।