देश में कोरोना के नए वैरिएंट डेल्टा प्लस का संक्रमण बढ़ता जा रहा है। पहले जहां महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, केरल और तमिलनाडु में ही इसके वायरस पाए गए थे, वहीं अब दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान आदि राज्य भी इसमें शामिल हो गए हैं। इसे देखते हुए देश में टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने की जरुरत है लेकिन वैक्सीन की कमी के कारण दिक्कतें आ रही हैं। इस बीच अच्छी खबर आई है। वैक्सीन निर्माता कंपनी जायडस कैडिला ने दावा किया है कि उसका ट्रायल लगभग पूरा हो गया है और अगले कुछ महीनों में इसे बच्चों को लगाया जा सकेगा।
इस बारे में जानकरी देते हुए कोविड वर्किंग ग्रुप के चेयरमैन डॉ. एनके अरोड़ा ने बताया कि जायडस का ट्रायल लगभग पूरा हो चुका है और जुलाई के अंत या अगस्त की शुरुआत में इसे 12-18 आयुवर्ग के बच्चों को लगाया जा सकता है। बता दें कि वर्तमान में देश में 18 से अधिक आयु वाले लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है।
तीसरी लहर का खतरा
देश में तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर केंद्र सरकार ज्यादा से ज्यादा लोगों का टीकाकरण करना चाहती है लेकिन वैक्सीन की कमी के कारण इसकी रफ्तार थोड़ी धीमी है। इस स्थिति में अगर जायडल कैडिला को मंजूरी मिल जाती है तो इसका बड़ा लाभ सरकार तथा देश के लोगों को मिल सकता है।
तीन टीका उपलब्ध
वर्तमान में देश में कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पूतनिक वी तीन टीकें उपलब्ध हैं। इनमें से कोविशील्ड और कोवैक्सीन भारतीय वैक्सीन हैं, जबकि स्पूतनिक वी रशियन वैक्सीन है। ये सभी टीके 18 से ऊपर की आयु के लोगों के लिए उपलब्ध हैं। अगर जायडस कैडिला का टीका 12 से 18 आयु वर्ग के बच्चों के लिए उपलब्ध हो जाता है तो इसका काफी लाभ होगा।
ये भी पढ़ेंः जानिये, पीएम के ‘मन की बात’ में क्या है खास?
तीन डोज वाली वैक्सीन
बता दें कि जायडस कैडिला अन्य वैक्सीनों से काफी अलग है। अधिकांश वैक्सीन की दो डोज ही लगाई जाती है, लेकिन जायडस कैडिला तीन डोज वाली वैक्सीन है।
तीसरी लहर आने में 6-8 माह का समय
कोविड वर्किंग ग्रुप के चेयरमैन डॉ. एनके अरोड़ा ने बताया कि आईसीएमआर की स्टडी रिपोर्ट के अनुसार देश में तीसरी लहर आने में कई महीने बाकी हैं। इस कारण हमारे पास टीकाकरण के लिए 6-8 महीनों का समय है। हमारा लक्ष्य जल्द ही प्रति दिन एक करोड़ लोगों के टीकाकरण का है। इसे पूरा करने की दिशा में हर तरह के कदम उठाए जा रहे हैं।