कोरोना के नए वैरिएंट डेल्टा प्लस का कहर बढ़ता ही जा रहा है। इसलिए भारत सहित विश्व के कई देशों ने इस पर नियंत्रण के लिए कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। रुस और ब्रिटेन में इस वैरिएंट के मरीज मिलने के बाद दक्षिण अफ्रीका में भी इसका संक्रमण बढ़ रहा है। इसके कहर से बचने के लिए स्पेन और पुर्तगाल ने ब्रिटेन से आने वाले यात्रियों पर सख्ती बढ़ा दी है। भारत में 12 राज्यों में डेल्टा प्लस वैरिएंट के 50 से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं, जबकि कुछ लोगों की इसके संक्रमण से मौत भी हो चुकी है।
इन राज्यों में पाए गए मरीज
फिलहाल जिन राज्यों में कोरोना के नए वैरिएंट डेल्टा प्लस के मरीज मिले हैं, उनमें महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश,तमिलनाडु समेत कुल 12 राज्य शामिल हैं। इन प्रदेशों में कुल 50 मरीज मिल चुकेहैं। इनमें महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 29 मामले पाए गए हैं। इसके आलावा तमिलनाडु में 9, मध्य प्रदेश में 7, केरल में 3 और पंजाब तथा गुजरात में 2-2, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा व कर्नाटक में 1-1 मरीज पाए गए हैं। इसके साथ ही एमपी और मध्य प्रदेश मे 1-1 मौत भी हो चुकी है।
विदेशों में बढ़ाए गए प्रतिबंध
दक्षिण अफ्रीका, पुर्तगाल, स्पेन, ब्रिटेन और रुस आदि देशों में इसके मामले बढ़ने के बाद प्रतिबंध बढ़ा दिए गए हैं। बता दें कि इस नए वैरिएंट का संक्रमण शुरुआत में जहां मात्र 12 देशों में था, वहीं अब 85 देशों में पहुंच गया है। अब इनमें कुवैत आदि देश भी जुड़ गए हैं।
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चिंता में सरकार, जनता भी रहे सावधान
कोरोना के नए वैरिएंट डेल्टा प्लस ने भारत सरकार के साथ ही प्रदेश की सरकरों की भी चिंता बढ़ा दी है। सवाल पूछा जा रहा है कि क्या यह नया वैरिएंट कोरोना की तीसरी लहर का कारण बनेगा? विशेषज्ञों का कहना है कि देश में इसकी संख्या काफी कम है, लेकिन सच तो यह है कि पहली और दूसरी लहर की शुरुआत में भी कोरोना संक्रमण के आकड़े कम ही थे, लेकिन लोगों की असावधानी और सरकार के गंभीरता से नहीं लेने के कारण इन दोनों ही लहरों ने विस्फोटक रुप धारण कर लिया। इसलिए तीसरी लहर और डेल्टा प्लस वैरिएंट से बचने के लिए अभी से सतर्क रहने की जरुरत है। सरकार के साथ ही देश के लोगों को भी इस सच्चाई और खतरे को समझने की जरुरत है।
डेल्टा प्लस वैरिएंट के लक्षण
-सूखी खांसी , बुखार और थकान
-सीने में दर्द, सांस फूलना या सांस लेने में परेशानी और बात करने मे तकलीफ
-त्वचा पर चकते पड़ना, पैर की उंगलियों के रंग में बदलाव
गले में खराश, स्वाद और सूंघने की क्षमता कम होना,दस्त व सिर दर्द
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