पढ़ें धर्मांतरण का आतंकी कनेक्शन: पाकिस्तान, गल्फ देश से महाराष्ट्र के बीड तक ऐसे जुड़ा था तार

धर्मांतरण को लेकर देश में लंबे समय से हो हल्ला मचता रहा है। कई राज्यों ने लव जिहाद पर रोक के लिए कड़ा कानून बनाया है। परंतु इसके बाद भी धर्म की आड़ लेकर आतंकी षड्यंत्रों को अंजाम दिया जा रहा है।

148

दिव्यांग, आर्थिक और समाजिक रूप से निर्बल महिलाओं के धर्मांतरण करनेवाले गिरोह के सदस्यों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। इसके अलावा इन गिरोहों के कुकृत्य में अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों और कट्टरपंथी विचारों वाले लोगों की संलिप्तता के साक्ष्य मिल रहे हैं। इसकी जिस कड़ी को जोड़ने में यूपी एटीएस लगी है उसमें अब तक इस्लामी धर्मांतरण का तार पाकिस्तान, गल्फ देश से महाराष्ट्र के बीड तक पाया गया है। जिसमें ओसाबा बिन लादेन के खास दोस्त की भी भूमिका नजर आ रही है।

उत्तर प्रदेश एंटी टेरोरिज्म स्क्वॉड ने इस्लामी धर्मांतरण के गिरोह में जिन तीन लोगों को गिरफ्तार किया है उसमें एक आरोपी महाराष्ट्र के बीड से है। वह केंद्र सरकार का कर्मचारी है। इस प्रकरण में पहले दो मौलाना गिरफ्तार किये गए हैं। जिनके नाम मौलवी मोहम्मद उमर गौतम और मौलवी मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी है। इनसे पूछताछ के बाद एटीएस ने तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है। जिसमें महाराष्ट्र के बीड से इरफान शेख, दिल्ली से राहुल भोला और हरियाणा के गुरुग्राम से अब्दुल मन्नाब को गिरफ्तार किया गया है।

ये भी पढ़ें – जम्मू-कश्मीरः लश्कर कमांडर समेत दो आतंकी ऐसे किए गए ढेर

वो तो गद्दार निकला?
इस प्रकरण में महाराष्ट्र के बीड से गिरफ्तार इरफान शेख केंद्र सरकार के बाल विकास मंत्रालय में दुभाषिया के रूप में कार्यरत् है। वह बीड के शिलसाल का रहनेवाला है और वहीं से उसका शिक्षण हुआ है। वर्तमान में वह प्रोफेसर के रूप में कार्य कर रहा था।

मिला है अंतरराष्ट्रीय चंदा
उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने सूचित किया कि, धर्मांतरण के लिए विदेश से फंडिंग होती थी। जिसमें अब तक एक करोड़ रुपए से अधिक का ट्रांजेक्शन सामने आया है। ये धन वर्ष 2010 से 2021 की बीच आया है। यह पैसे कतर, दुबई और अबुधाबी से मिले हैं।

इन पैसों को उमर गौतम की संस्था के मार्फत उसके और उसके परिवार के निजी खातों में ट्रांसफर हुआ है। उमर गौतम की संस्था फातिमा चेरिटेबल ट्रस्ट से यह पैसे निजी खातों में स्थानांतरित किये गए हैं। इसमें विदेशी मुद्रा (विनियमन) अधिनियम 2010 के प्रावधानों के उल्लंघन का मामला भी बनता है। इस प्रकरण में हवाला रैकेट से पैसे प्राप्त करने के मामले की भी जांच चल रही है।

इसके अलावा दो करोड़ रुपए गुजरात के एक व्यापारी के जरिये रूट करने की जानकारी भी सामने आ रही है। इसकी जांच यूपी एटीएस कर रही है। जिसके बाद ही इस पर से पर्दा उठेगा।

धर्मांतरण का प्रमाण
धर्मांतरण कितने खुले स्तर पर चल रहा था इसका एक उदाहरण भी सामने है। जिसमें मोहम्मद उमर लगभग तीन वर्ष पहले अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में अपने धर्मांतरण के एजेंडे का खुलासा कर रहा है।

उमर गौतम की संस्था के आतंकी कनेक्शन?
उमर गौतम की संस्था इस्लामिक दावा सेंटर को जो चंदा मिला है वह कतर से भी है। सूत्रों के अनुसार इस्लामिक दावा सेंटर का बिलाल फिलिप्स की इंटरनेशनल ओपन यूनिवर्सिटी, कतर से भी संबंध मिला है। बिलाल फिलिप्स जमाइकन-कनाडाई नागरिक है। वह अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी ओसामा बिन लादेन का खास दोस्त रहा है।

इसे मराठी में पढ़ें – उत्तर प्रदेशातील धर्मांतराचे बीड कनेक्शन!

आतंक का दूसरा आका
बिलाल फिलिप्स कट्टरवादी विचारों के लिए जाना जाता है। उसका ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क, केन्या और जर्मनी में प्रवेश निषिद्ध है। बांग्लादेश ने उसे देश निकाला दे दिया है, फिलीपीन्स ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। बिलाल के पास अकूत धन है जिसका उपयोग पर इस्लामिक धर्मांतरण के कार्यों के लिए करता है। सूत्रों के अनुसार बिलाल फिलिप्स का संबंध आतंकी संगठनों के लिए ऑनलाइन भर्ती से भी है।

कट्टरवादियों ने किया विरोध
भारत की इस्लामी कट्टरवादी संस्थाओं ने उत्तर प्रदेश एटीएस के सराहनीय कार्य को नापसंद किया है। वे सरकार के धर्मांतरण विरोधी कानून को भी संविधान की धारा 25 के अंतर्गत मिले अधिकारों का हनन बताया है, परंतु अतंरराष्ट्रीय आतंकी संगठन और दुश्मन देश के चंदे को लेकर देश विरोधी काम करनेवालों पर उनके मुंह से एक शब्द नहीं निकला।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.