100 करोड़ रुपये की वसूली का पुलिस विभाग को टारगेट देने के मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के दो निजी सचिवों की गिरफ्तारी के बाद देशमुख की भी परेशानी बढ़ती जा रही है। मामले में जल्द ही उनकी गिरफ्तारी हो सकती है। हालांकि देशमुख ईडी के चंगुल से बचने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। वे ईडी की पूछताछ से बचने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं।
बता दें कि ईडी पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को पूछताछ के लिए दो बार समन भेज चुकी है। 25 के बाद 29 जून को भी ईडी ने उन्हें पूछताछ के लिए तलब किया था। लेकिन देशमुख ईडी के कार्यालय में जाने से कतरा रहे हैं। उन्होंने अपनी उम्र, बीमारी और कोरोना के खतरे का हवाला देते हुए ईडी की जांच में शामिल होने से इनकार किया। देशमुख ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपने जवाब रिकॉर्ड करने की इच्छा जताई। इस बारे में देशमुख ने प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों को एक पत्र लिखा है।
देशमुख ने चिट्ठी में क्या है?
देशमुख ने पत्र में लिखा है,’ईडी ने मुझे 25 जून को तलब किया था और अगले दिन पूछताछ के लिए पेश होने का आदेश दिया था। मैं अपने प्रतिनिधियों द्वारा ईसीआईआर में उल्लेखित दस्तावेज भेज रहा हूं। आज (29 जून) भी मैं स्वयं पूछताछ में शामिल नहीं हो पाऊंगा। मैं 72 साल का हूं। बीमारी और कोरोना के खतरे के कारण मैं उपस्थित नहीं हो पा रहा हूं। इसके बजाय मेरा उत्तर ऑनलाइन रिकॉर्ड करें। मैं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जवाब दूंगा। लेकिन उससे पहले ईडी सवालों की कॉपी मुझे भेजे।’ इसके साथ ही देशमुख के वकीलों ने ईडी से 7 दिन का समय मांगा है। उन्होंने दावा किया है कि ईडी पूछताछ में शामिल नहीं होने के देशमुख के अनुरोध को मान गया है।
यह है मामला
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर गंभीर आरोप लगाए थे। पत्र के अनुसार, वर्तमान में सस्पेंड और गिरफ्तार सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाझे जब क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट के प्रमुख थे, तब कुछ महीनों में (तत्कालीन) गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कई बार उसे ज्ञानेश्वर स्थित अपने आवास पर बुलाया था और हर महीने 100 करोड़ रुपये जमा करने को कहा था। बता दें कि बॉम्बे उच्च न्यायालय ने सीबीआई को इस मामले की जांच करने का आदेश दिया था। उसी आदेश के तहत सीबीआई ने देशमुख के खिलाफ मामला दर्ज किया। अब इस मामले की जांच में ईडी भी शामिल हो गई है।