जम्मू कश्मीर में परिसीमन करने के लेकर अब राजनीतिक दल, सार्वजनिक प्रतिनिधियों तथा प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत होगी। इसके लिए परिसीमन आयोग इस केंद्र शासित प्रदेश का दौरा करेगा। इसकी अध्यक्ष पूर्व न्यायाधीश रंजना देसाई हैं।
आगामी 6 जुलाई 2021 से 9 जुलाई 2021 के बीच परिसीमन आयोग के सदस्य जम्मू कश्मीर में रहेंगे। इस अवधि के बीच वे राजनीतिक दलों, सार्वजनिक प्रतिनिधियों तथा केंद्र शासित प्रदेश के जिला निर्वाचन अधिकारियों / 20 जिलों के उपायुक्तों, प्रशासन के अधिकारियों से बातचीत करके प्रत्यक्ष सूचना और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के अंतर्गत अधिदेशित जारी परिसीमन प्रक्रिया से संबंधित जाकारी प्राप्त करेंगे।
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बड़ी धांधली का लगा आरोप
परिसीमन के लिए ग्राह्य 2011 की जनगणना को लेकर विवाद रहा है। जम्मू की लगभग सभी राजनीतिक पार्टियां उस जनगणना में कश्मीर की जनसंख्या अधिक बताने को लेकर धांधली का आरोप लगाती रही हैं। इसमें भारतीय जनता पार्टी के नेता भी शामिल हैं। इसके अलावा एक्कजुट्ट जम्मू के अध्यक्ष अंकुर शर्मा ने भी इस संदर्भ में खुलकर बात की है। उन्होंने वर्ष 2021 में होनेवाली जनगणना के अनुसार परिसीमन कराने की मांग की है।
बढ़ी आयोग की कालावधि
परिसीमन आयोग का गठन मार्च 2020 में किया गया था और जारी महामारी को देखते हुए इसका कार्यकाल मार्च 2021 में एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया था। केंद्र शासित जम्मू और कश्मीर के निर्वाचन आयुक्त आयोग के तीसरे सदस्य हैं। आयोग में लोकसभा अध्यक्ष द्वारा मनोनीत पांच एसोसिएट सदस्य भी हैं। आयोग ने जनगणना 2011 से संबंधित जिलों/निर्वाचन क्षेत्रों के आंकड़ों/मानचित्र से संबंधित कई बैठकें पहले ही की थीं। इससे पहले आयोग ने बातचीत के लिए एसोसिएट सदस्यों को आमंत्रित किया था जिसमें दो एसोसिएट सदस्य शामिल हुए थे। परिसीमन से संबंधित सिविल सोसायटी, केंद्र शासित प्रदेश के सार्वजनिक सदस्यों से अनेक प्रतिवेदन प्राप्त हुए हैं। आयोग ने ऐसे सभी सुझावों को संज्ञान में लिया है और निर्देश दिया है कि परिसीमन से संबंधित जमीनी वास्तविकताओं के संदर्भ में इन सुझावों पर आगे विचार किया जा सकता है।
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